दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इन्द्रगढ की बीजासणमाता “Bijasan Mata- Indergarh”

Bijasan Mata Indergarh Bundi in Hindi : बीजासणमाता का प्रसिद्ध मन्दिर बूँदी जिले के इन्द्रगढ़ में स्थित है । इन्द्रगढ़ तहसील मुख्यालय होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व का कस्बा है । कोटा – दिल्ली रेलमार्ग पर इन्द्रगढ़ स्टेशन है, जहाँ से पश्चिम दिशा में लगभग 6 – 7 की.मी. पर यह कस्बा बना है । बस द्वारा केशवराय पाटन से लाखेरी होकर इन्द्रगढ़ पहुँचा जा सकता है ।

इतिहास के अनुसार बूँदी के शासक राव शत्रुसाल के छोटे भाई राजा इन्द्रसाल ने 1605 ई. में अपने नाम पर इन्द्रगढ़ बनवाया तथा वहाँ पहाड़ी पर एक छोटा किन्तु सुदृढ़ और भव्य किला तथा महल बनवाये । इन्द्रगढ़ राजप्रासाद के भवन प्रमुखतः वहाँ का सुपारी महल और जनाने महल 17वीं – 18वीं शताब्दी ई. के अत्यन्त सजीव और कलात्मक भित्तिचित्रों के रूप में कला की अनमोल धरोहर सँजोये हुए हैं । जनाना महल में कृष्ण की बाल्यवस्था के सुन्दर चित्र बने हैं ।

यह भी पढ़ें- 20,000 से भी ज्यादा चूहे हैं इस मन्दिर में, इनकी जूठन होता है प्रसाद >>Click here  

इन्द्रगढ़ में एक विशाल पर्वत शिखर पर बीजासणमाता का मंदिर स्थित है जिसकी बहुत लोकमान्यता है । हाड़ौती अंचल में वे इन्द्रगढ़ देवी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं । सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए नवविवाहित दम्पत्ति को जात दिलवाने, पुत्रजन्म, बच्चों के चूड़ा करण (उपनयन) संस्कार तथा अन्य मांगलिक अवसरों पर जनसामान्य देवी के दर्शन कर उसका आशीर्वाद तथा मनोवांछित फल पाने देवी के दरबार में उपस्थित होते हैं । वैशाख शुक्ला पूर्णिमा विशेषकर आश्विन तथा चैत्र की नवरात्रा के अवसर पर तो हाड़ौती अंचल तथा राज्य के दूरस्थ इलाकों से लोग इन्द्रगढ़ देवी के दर्शनार्थ बड़ी संख्या में वहाँ आते हैं ।

यह भी पढ़ें – औरंगजेब ने भी डरकर अखण्ड ज्योत जलाई माता के इस दरबार में >>Click here 

ऊँची और कड़ी पहाड़ी पर स्थित बीजासणमाता के मन्दिर तक पहुँचने का मार्ग काफी कठिन और दुर्गम है । सीधी चढ़ाई की लगभग 700-800 सीढ़ियाँ चढ़ने के बाद देवी के मन्दिर में पहुँचा जा सकता है । मन्दिर के भीतर चट्टान से स्वाभाविक रूप से निर्मित देवी की पाषाण प्रतिमा प्रतिष्ठापित है । देवी की यह प्राकृतिक प्रतिमा एक विशेष प्रकार का ओज लिए हुए है तथा उनके दर्शन हेतु यहाँ आने पर एक अलग तरह की आत्मिक शांति का अनुभव होता है । बीजासणमाता मन्दिर के ऊँचे पर्वत शिखर पर स्थित होने क कारण जो बुजुर्ग या शारीरिक रूप से अशक्त लोग मन्दिर की चढ़ाई चढ़ने में असमर्थ है, उनके लिए पहाड़ के नीचे मन्दिर को जाने वाले पर्वतीय मार्ग के दायीं और पर्वतांचल में इन्हीं देवी का एक छोटा मन्दिर बना है, जहाँ पूजा-पाठ कर लोग ऊपर बीजासणमाता के मुख्य मन्दिर तक अपनी शारीरिक विवशता के कारण न पहुँच पाने के अभाव की पूर्ति कर लेते हैं ।

यह भी पढ़ें- कामाख्या देवी शक्तिपीठ से जुड़े रोचक तथ्य >>Click here

देवी मन्दिर को जाने वाले मार्ग पर पहाड़ की तलहटी में देवी के श्रृंगार तथा पूजा-पाठ की सामग्री विक्रय करने की छोटी-बड़ी अनेक दुकानें श्रद्धालुओं का ध्यान सहज ही आकर्षित कर लेती हैं ।
इन्द्रगढ़ में कमलेश्वर महादेव का मन्दिर भी लोक आस्था का केन्द्र है जिसमें शिव-पार्वती, सुर सुन्दरी, षटभुजी गणेश, चतुर्भुज तथा महिषपुच्छ पकड़े महिषमर्दिनी की सजीव पाषाण प्रतिमाएँ प्रतिष्ठापित हैं।

यह भी पढ़ें-  माता वैष्णो देवी की अमर कथा >>Click here

30 thoughts on “दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इन्द्रगढ की बीजासणमाता “Bijasan Mata- Indergarh””

    • Jay ma bijjasani ki mata ka ashirwad hamaysha apnay bachoo par aur bhaktoo pr rahata Jay bijjasani mata ki

      Reply
  1. सरजी , नमस्ते
    आपका प्रयास बहुत सराहनीय है । क्या आप मुझे बीजासन माता का इतिहास और गहराई से बता सकते हैं ।
    हमारे यहाँ जो रावजी ( भाट ) आते थे वो कहते थे कि आपकी कुलदेवी बीजासन माता है । अब उनके पौत्र आते हैं वो कहते हैं कि आपकी कुलदेवी खिमज माता हैं ।
    मेरा गौत्र सोलंकी है और मैं संत श्री पीपा जी का अनुयायी सोलंकी दर्जी हूँ ।
    आप थोड़ा डिटेल में बताएँगे तो कृपा होगी ।
    जय माता दी

    Reply
  2. Mere Dadaji ne bataya tha ki tumhari kuldevi Bijansan mata jinka mandir Rajasthan me Sabse purana h Wahi h …kya ye Sabse old mandir h Rajasthan ka mata bijasan ka

    Reply
  3. jai ho mata beejasen maa mere sankat dur kro mujhse jo v glti hui ho use kshama kro maa me to tera hi bccha hu maa tere charno me hu jai ho maa

    Reply
  4. meri kul devi ka mujhe and mere parivar me kisi ko pta nhi he
    mera gotra -bichotiya he
    or meri samajh -chidar he

    Reply
  5. Hamare pariwar me kisi ko bhi hamari kul devi k bare pata nahi h.. Plz hamari madad kare… Hum bahut pareshan h.
    Gotra- Sanoliya Dube
    Udgam – Kama
    Rishi Gotra – Bhardwaj

    Reply
    • Jay bijjasani mata ki khori gown aur indergard wall maharani ki jay mata ka ashirwad hamaysha apnay bachoo par aur bhaktoo pr rahata Jay bijjasani mata ki

      Reply

Leave a Reply

This site is protected by wp-copyrightpro.com