पाढ़ाय माता दर्शन : नमक झील, डीडवाना | Padhay Mata Temple Marwar Baliya, Didwana

पाढ़ाय माता का मन्दिर (Padhay Mata Temple)

        पाढ़ाय माता (Padhay Mata) का मन्दिर राजस्थान के नागौर जिले में डीडवाना से 12 कि.मी. दूर मारवाड़ बालिया स्टेशन (Marwar Baliya Station) के पास 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। पाढ़ाय माता के मन्दिर का निर्माण वि.सं. 902 में आसोज सुदी 9 को हुआ। यह स्थान नमक की खान पर है।  पराशक्ति ही लोक में विभिन्न नामों से पूजी जाती हैं

Padhay Mata Darshan Video

परा, पराख्या, पड़ाय, पाड़ला, पाढा, पाढाय, पाड़ोखा, पाण्डोख्या, पाण्डुक्या (Para, Parakhya, Paday, Padla, Padha, Padhay, Padokha, Pandukya)। माता के दो मन्दिर हैं। एक डीडवाना का यह मन्दिर है जहां माता परा, पराख्या, पड़ाय, पाड़ला, पाढा, पाढाय, पाड़ोखा आदि नामों से पूजी जाती हैं। मता का दूसरा मन्दिर पांडोराई स्थान पर है जहां माता पाण्डोख्या, पाण्डुक्या नाम से पूजी जाती हैं।

padhay mata temple didwana
Padhay Mata, Didwana
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Padhay Mata Temple Didwana
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Padhay Mata Temple Didwana

 पाढ़ाय माता के प्रकट होने की कथा-

माता के प्रकट होने तथा मन्दिर निर्माण का कथानक इस प्रकार है जो आदिकाल से चला आ रहा है। मन्दिर के परिसर में पीछे के भाग में दो कैर के वृक्ष हैं। माता यहीं प्रकट हुई थी। प्राचीन समय में यह स्थान पूर्णतः जंगल था, यहाँ गायें चरने आती थीं। उन गायों में भैंसा नामक सेठ की गाय भी चरने आती थी और कैर के पेड़ के नीचे बैठा करती थी। सांयकाल जब गाय जाती तो उस कैर के पेड़ से एक कन्या प्रकट होती और उस गाय का दूध पी जाती। यह क्रम बहुत दिनों तक चलता रहा। एक दिन सेठ ने ग्वाले को कहा कि गाय का दूध कौन निकाल लेता है, ग्वाले द्वारा अनभिज्ञता प्रकट करने पर सेठ ने उसे जानकारी करने को कहा। सांयकाल ग्वाले ने देखा कि कैर के पेड़ से एक कन्या आई और उसने गाय के थनों से दूध पी लिया। ग्वाले ने जो देखा वह सेठ को कह सुनाया। सेठ को ग्वाले की बातों पर विश्वास नहीं हुआ और एक दिन वह स्वयं सांयकाल वहां गया। सेठ यह देखकर अचंभित रह गया जब एक कन्या पेड़ से उत्पन्न हुई और गाय का दुग्धपान करने लगी। सेठ तत्काल उस स्थान पर गया और उस बालिका से पूछा, ‘तू कौन है ?’ तब कन्या ने कहा की मैं आदिशक्ति हूँ। अब मैं प्रकट होऊंगी। तू मेरा मंदिर बना। सेठ ने जब बताया की वह आर्थिक रूप से असमर्थ है तो कन्या ने कहा कि ‘तू तेरा घोड़ा दौड़ा, पीछे मुड़कर मत देखना। जहां तक तेरा घोड़ा दौड़ेगा वहां तक चांदी की खान हो जाएगी।’

    सेठ ने अपना घोडा दौड़ाया। उसी समय धरती कांपने लगी। इससे सेठ घबरा गया और पीछे मुड़कर देख लिया। कैर के पेड़ से प्रकट होकर देवी वहीं रह गई। सेठ वापस लौट आया और माता को प्रणाम कर कहा कि यदि यह स्थान चांदी का बन गया तो लोग इसे लूट लेंगे। अतः यदि आपकी मुझ पर कृपा ही है तो मुझे ऐसी चीज दो जिससे मैं और मेरी संतानें  बिना भय के जीविकोपार्जन कर सकें। ऐसा सुन माता ने उस स्थान को कच्ची चांदी की खान (नमक की खान) बना दिया। तब से यहाँ नमक की खान है।

namak jheel didwana
Salt-Mine / Namak Jheel Didwana

मन्दिर में स्थित शिलालेख के अनुसार मन्दिर का निर्माण वि.सं. 902 में आसोज सुदी 9 गुरूवार को भैंसा सेठ द्वारा कराया गया था। एक शिलालेख संवत् 1765 के अनुसार एक अंग्रेज अधिकारी ने बरामदा बनवाया था।

माता के मन्दिर में दो मूर्तियां हैं, सामने जो मूर्ति है वह माता की बालिका रूप की मूर्ती है तथा उसकी बगल में जो मूर्ति है वह माता के महिषासुर-मर्दिनी के रूप में है। इनके बाईं ओर भैरवनाथ की प्रतिमा है।

औरंगजेब के समय में माता की दोनों मूर्तियां तो सुरक्षित रहीं किन्तु मंदिर के बाहरी हिस्से की मूर्तियों को खंडित किया गया । आततायियों को माता ने कन्या रूप में ही भगाया, जिससे मंदिर की मूल मूर्तियां सुरक्षित रह सकीं ।

आगे पढ़िये पाढ़ाय माता के चमत्कार की कथा “एक लाख का बाल” >>

15 thoughts on “पाढ़ाय माता दर्शन : नमक झील, डीडवाना | Padhay Mata Temple Marwar Baliya, Didwana”

  1. Lohiya ( Agrawal ) Khandan Ki Kuldevi Maa Rajrajeswari PADA MATA Rani Ke Shree Charno Me Sat Sat Vandan. 21. 6. 2016 Ko Pariwar Ke Sath Kuldevi Ke Darshan Ka Soubbhagya Prapt Hua. Maa Sabhi Ki Manokamna Puri Kare Yahi Vinti Hai …..Ashok Lohiya, Rajnandgaon (Chattisgadh). Mo. 098271 – 11794

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    • Hello Sir.. I am Shubham Agrawal from Nasrullaganj Madhya Pradesh..My family and ancestors were from Didwana…and my great grandfather used Lohiya Surname…I am eager if we are from same clan..

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  2. मैं मेड़तवाल तिवाड़ी, मेरी कुल देवी व मन्दिर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी चाहता हूं । जय माता दी की ।

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  3. PAADHAAI MATA JI BHADADA PARIWAAR KI KULDEVI KI JAI HO MAATESHWARI SABHI KI MANOKAMNAYE PURN KARE JAI MATA DI

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