राजस्थान के 10 प्रसिद्ध देवी मन्दिर, जो कुलदेवियों के रूप में पूजित हैं

10 Famous Devi Temples of Rajasthan in Hindi : आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भारत में देवीपूजा की बहुत मान्यता है। देवी जो शक्ति के रूप में संसार को चलाती है। भारतवर्ष के कोने-कोने में देवियों के मन्दिर स्थापित हैं।  यहाँ राजस्थान के कुछ प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में बताया जा रहा है ; ये देवियाँ विभिन्न समाजों में कुलदेवियों के रूप में पूजित हैं।  :-

राजस्थान के 10 प्रसिद्ध देवी मन्दिर (10 Famous Devi Temples Rajasthan)

1. करणी माता मन्दिर (Karni Mata Temple, Deshnok ):

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Karni Mata, Deshnok Bikaner Rajasthan

राजस्थान के बीकानेर जिले में देशनोक नामक स्थान पर स्थित करणी माता के मन्दिर की देश- विदेश में ख्याति है। यह मन्दिर हजारों चूहों की विशाल संख्या के लिए प्रसिद्ध है। इसलिए इसे Rat – Temple के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी का चमत्कार ही है कि सैकड़ों सालों से इतने चूहों के बाद भी यहाँ कभी कोई बीमारी नहीं फैली, अपितु जब आस-पास के क्षेत्रों को महामारी ने चपेट में ले रखा था तब भी यह स्थान पूरी तरह सुरक्षित था।….. Read More


2. जीण माता मन्दिर (Jeen Mata) :

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Jeen Mata, Sikar Rajasthan

राजस्थान शेखावाटी अंचल के सीकर जिले में स्थित जीण माता के दर्शन करने देश भर से माता भक्त यहाँ आते रहते हैं। नवरात्र के समय यहाँ विशाल मेला भरता है, जिसमे असंख्य श्रद्धालु यहाँ माता की झलक पाने हेतु आते हैं। जीण माता धाम से मात्र 28 किमी की दूरी पर विश्व-प्रसिद्ध खाटू श्यामजी का मन्दिर है। लोक विश्वास  तथा ज्ञात इतिहास के अनुसार वर्तमान चुरू जिले के घांघू गाँव की चौहान राजकन्या जीण ने अपनी भावज के व्यंग्य बाणों और प्रताड़ना से व्यथित होकर सांसारिक जीवन छोड़कर आजीवन अविवाहित रहकर इस स्थान पर कठोर तपस्या की तथा लोकदेवी के रूप में प्रख्यात हुई। ….. Read More


3. दधिमथी माता मन्दिर (Dadhimati Mata Temple, Nagaur) :

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Dadhimathi Mata,  Nagaur Rajasthan

राजस्थान के नागौर जिले की जायल तहसील में गोठ और मांगलोद गाँवो के पास स्थित है दधिमथी माता का प्राचीन मंदिर। यह मन्दिर प्रतिहार राजा भोजदेव प्रथम (836 -892 ई.) के काल में बना है। इस मन्दिर से चमत्कारों की अनेक कथायें जुडी हुई हैं। दाहिमा (दधीचक) ब्राह्मणों की कुलदेवी को समर्पित यह देव भवन भारतीय स्थापत्य एवं मूर्तिकला का गौरव है। श्वेत पाषाण से निर्मित यह शिखरबद्ध मंदिर पूर्वाभिमुख है तथा महामारु (Mahamaru) शैली के मंदिर का श्रेष्ठ उदाहरण है। …. Read More


4. तनोट माता मन्दिर (Tanot Mata Temple ) :

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Tanot Mata

भारत- पाकिस्तान युद्ध के समय माताजी ने जो चमत्कार दिखाए उनसे यह मन्दिर विश्वप्रसिद्ध हो गया। राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत – पाकिस्तान की बॉर्डर के नजदीक स्थित तनोट नामक गांव में विराजमान माताजी के अभूतपूर्व चमत्कारों का लोहा पाकिस्तान भी मान चुका है। भारत- पाकिस्तान युद्ध के समय देवी स्वांगियां ने अपनी शक्ति से इस धरा की रक्षा कर अद्भुत चमत्कार दिखाए। 16 नवम्बर 1965 ई. को पाकिस्तान के सैनिकों ने आगे बढ़कर शाहगढ़ तक 150 कि.मी. कब्जा कर लियऔर तन्नोट के चारों ओर घेरा डालकर करीब 3000 बम बरसाए लेकिन मंदिर को एक खरोंच तक नहीं आई। …. Read More


5. शीतला माता मन्दिर, (Sheetla Mata Temple, Pali):

Sheetla Mata, Pali
Sheetla Mata, Pali

राजस्थान के पाली जिले में एक अद्भुत चमत्कार हर साल दोहराया जाता है। यहाँ स्थित एक छोटे से घड़े में हजारों लीटर पानी डाला जाता है परन्तु यह घड़ा बिल्कुल नहीं भरता। तथा माताजी का थोड़ा सा चरणामृत डाला जाने के बाद यह घड़ा भर जाता है। वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हैं कि भला इस घड़े का पानी जाता कहाँ है ?… करीब 800 साल से लगातार साल में केवल दो बार आधा फीट गहरा और इतना ही चौड़ा घड़ा भक्तों के सामने लाया जाता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा अब तक इसमें 50 लाख लीटर से ज्यादा पानी भरा जा चुका है। … Read More


6. आई माता मन्दिर (Aai Mata Temple, Bilara) :

Aai Mataji Bilara
Aai Mataji Bilara

राजस्थान के जोधपुर जिले में बिलाड़ा नामक कस्बे में स्थित आई माता के मन्दिर के दिये में बनने वाला ;काजल काले रंग का नहीं बल्कि केसरिया रंग का होता है। जी हाँ, आश्चर्यजनक किन्तु सत्य।  राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा नामक कस्बे के दीवान की हवेली में बने आईजी माता के  मंदिर में यह चमत्कार रात-दिन होता है। जोधपुर से लगभग 76 कि.मी. दूर पूर्व में स्थित बिलाड़ा को राजा बलि ने बसाया था।  यहाँ आई माता का प्राचीन मन्दिर है।  … Read More


7. शाकम्भरी माता मन्दिर (Shakambhari Mata Temple, Sambhar) :

Shakambhari Mata
Shakambhari Mata Sambhar

शाकम्भरी माता का मन्दिर राजस्थान के जयपुर जिले के सांभर कस्बे में सांभर झील के पेटे में स्थित है। इस क्षेत्र में एक बार भयावह अकाल व सूखा पड़ा था तब देवी माँ ने शाक, वनस्पतियाँ व जल उत्पन्न करके यहाँ के निवासियों की रक्षा की थी। इस कारण देवी शाकम्भरी कहलाई। चौहान वंश के शासक वासुदेव ने सातवीं शताब्दी में साँभर झील और साँभर नगर की स्थापना शाकम्भरी देवी के मंदिर के पास में की। विक्रम संवत 1226 (1169 ई.) के बिजोलिया शिलालेख में चौहान शासक वासुदेव को साँभर झील का निर्माता व वहाँ के चौहान राज्य का संस्थापक उल्लेखित किया गया है। … Read More


8. आशापूरा माता मन्दिर (Ashapura Mata Temple, Nadol) :

Ashapura Mata Nadol
Ashapura Mata Nadol

आशापूरा माता का प्रसिद्ध मन्दिर राजस्थान के पाली जिले के नाडोल नामक गाँव में स्थित है। यह शाकम्भरी के चौहान राजवंश की कुलदेवी थी। नैणसी की ख्यात का उल्लेख है कि लाखणसी चौहान को नाडौल का राज्य आशापूरा देवी की कृपा से मिला । तदनन्तर चौहान इसे अपनी कुलदेवी मानने लगे । आशा पूर्ण करने वाली देवी आशापूरा के नाम से विख्यात हुई । लाखणसी  या लक्ष्मण नामक चौहान शासक द्वारा नाडौल में आशापूरा देवी का भव्य मन्दिर बनवाया गया जहाँ  बड़ी संख्या में श्रद्धालु जाते हैं ।  … Read More


9. अर्बुदा माता मन्दिर (Arbuda Mata Temple, Abu) :

Arbuda mata
Arbuda Mata Temple

अर्बुदा देवी का प्रसिद्ध मन्दिर राजस्थान के सिरोही जिले में आबू पर्वत पर स्थित है। सफ़ेद संगमरमर से बने इस मन्दिर की विशेषता यह है कि इस मन्दिर में देवी की प्रतिमा हवा में अधर प्रतीत होती है। इस कारण इसे अधर माता भी कहा जाता है। एक गुफा में विशाल शिला के नीचे अर्बुदा देवी की प्रतिमा प्रतिष्ठापित है जो ऐसा प्रतीत होता है मानो बिना किसी सहारे या आधार के हवा में अधर खड़ी हो । …. Read More


10. शिला देवी मन्दिर (Shila Devi Temple, Amber) :

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Shila Devi Mata

राजस्थान के जयपुर जिले में आम्बेर के महल में स्थित शिला देवी की आकर्षक प्रतिमा अपने भक्तों का मन मोह लेती है। यह आम्बेर जयपुर के राजवंश की कुलदेवी है। मंदिर में संगमरमर का सुंदर अलंकरण, चाँदी की परत से सुसज्जित किवाड़, पूजा के लिए चाँदी का घण्टा शाही शान की झलक प्रस्तुत करते हैं। इस मूर्ति के विषय में दो मत प्रचलित हैं एक तो यह कि यह मूर्ति राजा के पूजान्तर्गत थी तथा राजा को यह वरदान था कि जब तक इस प्रतिमा की अनवरत पूजा होती रहेगी वह अपराजेय रहेगा । महाराजा मानसिंह को इस रहस्य की जानकारी होने पर उसने पुजारी के माध्यम से पूजा के क्रम में विघ्न उत्पन्न करवाया, जिससे केदार राजा पराजित हुआ । … Read More

16 thoughts on “राजस्थान के 10 प्रसिद्ध देवी मन्दिर, जो कुलदेवियों के रूप में पूजित हैं”

  1. मुदगल गौत्र म कितनीं शाखा होतीं ह कृपया बतइय

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  2. Sreemali brahmin gautam gotra ki kuladevi NIMBAJA DEVI jinaka mandir rajasthan me bhilamal ke bajume 13 km dur narata gam hai vaha he add karajo bhai

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  3. अनावडीया गोत्र तंवरनक हस्तिनापुर उत्पन्न कुल देवी कौनसी हे और कहाँ ह बताने की कर्पा करे

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  4. Please let me know kuldevi of Natya Gore’s. Vijaywargiya

    Please let me know where mandir of kuldevi
    If you can send photo it will be great

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  5. Meri kuldevi ka name saray mata he par aajtak mene unki ekbhi photo ya mandir nahi dekha koi kuchh bhi janta ho to plz muje batao

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