मैढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज का इतिहास व कुलदेवियाँ | Maidh Kshatriya Swarnkar Samaj History |Kuldevi

स्वर्णकार / सुनार जाति का परिचय :-

Maidh Kshatriya Swarnkar Samaj History in Hindi : सुनार जाति राजस्थान के प्रत्येक गांव, कस्बे और शहर में रहती है | सुनार जाति का मुख्य व्यवसाय सोने, चाँदी आदि धातुओं के गहने घड़ना है | कुछ सुनार मीनाकर और जड़ाई का काम करते हैं | सुनारों का दुसरा नाम सोनीया स्वर्णकार है | सुनार अपने पूर्वजों के धार्मिक स्थान की कुलपूजा करते है। यह जाति हिन्दूस्तान की मूलनिवासी जाति है। मूलत: ये सभी क्षत्रिय वर्ण में आते हैं इसलिये ये क्षत्रिय सुनार भी कहलाते हैं। आज भी यह समाज इस जाति को क्षत्रिय सुनार कहने में गर्व महसूस करता हैं। राजस्थान में प्रायः अक्षय तीज पर बच्चों व बच्चियों के नाक व कान छेदते हैं | इसमें आगे चलकर इनका जेवर घड़ने का दृष्टिकोण रहता है |

स्वर्णकार / सुनार शब्द की व्युत्पत्ति :-

सुनार शब्द मूलत: संस्कृत भाषा के स्वर्णकार का अपभ्रंश है जिसका अर्थ है स्वर्ण अथवा सोने की धातु या सोने जैसी फसल का उत्पादन करने वाला। यह क्षत्रिय जाति है जो अन्याय तथा अत्याचार के विरूद्ध लड़ती है। इस जाति में अनेक महापुरूषों ने जन्म लिया है। यह इतिहास की वीर तथा महान् जाति है। प्रारम्भ में निश्चित ही इस प्रकार की निर्माण कला के कुछ जानकार रहे होंगे जिन्हें वैदिक काल में स्वर्णकार कहा जाता होगा। बाद में पुश्त-दर-पुश्त यह काम करते हुए उनकी एक जाति ही बन गयी जो आम बोलचाल की भाषा में सुनार कहलायी। जैसे-जैसे युग बदला इस जाति के व्यवसाय को अन्य वर्ण के लोगों ने भी अपना लिया और वे भी स्वर्णकार हो गये। सुनार शाकाहारी, सुँदर, चरित्रवान, साहसी तथा पूरक शक्ति से सिद्ध होता है। जबकि स्वर्णकार दुर्भाग्यवश किसी अन्य जाति का भी हो सकता है। अन्य जाति का व्यक्ति सुनार जाति में उसी प्रकार पहचाना जाएगा जैसे हँसो में अन्य पक्षी पहचाना जाता है। गुणों से ही जाति की पहचान होती है। जाति से ही गुणो का परिचय मिलता है।

इतिहास :-

लोकमानस में प्रचलित जनश्रुति के अनुसार सुनार जाति के बारे में एक पौराणिक कथा प्रचलित है कि त्रेता युग में परशुराम ने जब एक-एक करके क्षत्रियों का विनाश करना प्रारम्भ कर दिया तो दो राजपूत भाइयों को एक सारस्वत ब्राह्मण ने बचा लिया और कुछ समय के लिए दोनों को मैढ़ बता दिया जिनमें से एक ने स्वर्ण धातु से आभूषण बनाने का काम सीख लिया और सुनार बन गया और दूसरा भाई खतरे को भाँप कर खत्री बन गया और आपस में रोटी बेटी का सम्बन्ध भी न रखा ताकि किसी को इस बात की कानों-कान खबर न लग सके कि दोनों ही क्षत्रिय हैं। आज इन्हें मैढ़ राजपूत के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ये वही राजपूत है जिन्होंने स्वर्ण आभूषणों का कार्य अपने पुश्तैनी धंधे के रूप में चुना है।

लेकिन आगे चलकर गाँव में रहने वाले कुछ सुनारों ने भी आभूषण बनाने का पुश्तैनी धन्धा छोड़ दिया और वे खेती करने लगे।

राजस्थान में मुख्य रूप से तीन प्रकार के सुनार हैं-

1. मेढ़ सुनार :-

ये अपनी उत्पत्ति देवी के मैल से बताते हैं। कहा जाता है कि त्रेतायुग में जब राजा मलूक राज्य करता था तब बागेश्वरी देवी ने कनकसुर राक्षस को वरदान द्वारा सोने का बना दिया था। वह देवी से शादी को तैयार हो गया। इसलिए देवी ने उसे मारने के लिए अपने दाहिने हाथ के मैल से एक आदमी बनाया और उस राक्षस को मारने का आदेश दिया लेकिन वह डरपोक निकला। महेश्वरी जाति उसी की वंशज है। फिर देवी ने बांये हाथ के मैल से दुसरा आदमी जीवित किया। वह भी कायर व डरपोक निकला उसकी औलाद में न्यारिया सुनार है।

       आखिर में देवी ने अपनी छाती के मैल से तीसरा आदमी सिकसू नाम का पैदा किया वह राक्षस मारने को तैयार हो गया। उसे देवी ने वरदान दिया और कहा कि इसकी औपनी बनाकर कनकासुर दैव्य के नखों को उजला कर दें। इससे प्रसन्न होकर सम्पूर्ण शरीर चमकदार बनवाने को राजी होगा फिर तुम मेरे पास आना। उसने वैसा ही किया और सब हाल देवी से आकर कहा। देवी ने सोचा सीसा सोने को खा जाता है। जमीन में से सीसा निकाला और कहा कि इसके कड़े और बगड़ राक्षम के अंग-अंग में पहनाकर आग में बैठाकर धोकनी से खूब धोकना ताकि वह उसमें भस्म होगा। उसने ऐसा ही किया। उसका सम्पूर्ण शरीर पिघलकर सोना हो गया। उसको सुनार अपने घर रख कर देवीजी के समक्ष उपस्थित हुआ और कहा कि राक्षम को मार आया हूँ। सोने का जिक्र नहीं किया मगर देवी को सब कुछ जानकारी थी। इसलिए शाप दिया कि तू जन्म भर चोरियाँ करता रहेगा फिर भी तेरा पूरा नहीं पड़ेगा। यह सुनकर उसने कहा कि क्या दुश्मन को मारने का यही इनाम है ? देवी को दया आ गई और उसे चौकी पर बैठाकर अन्दर चली गई परन्तु वह बैठा-बैठा परेशान हो गया। आखिर उस व्यक्ति को वहाँ बैठा दिया जो दाहिने हाथ के मैल से पैदा हुआ था। उसे दासी ने एक थाल में धन लाकर दिया। जब सिकसू को इनका पता चला तो उसने कहा कि तूने दूसरे का हक़ लिया इसलिए तेरे पास धन तो रहेगा मगर दिवाला निकलता रहेगा। यह उत्पत्ति ‘मेवना’ पहाड़ में हुई जो बूंदी और मेवाड़ की सीमा पर है। सिकसू की औलाद सुनार कहलाई। इनमे श्रीमाली ब्राह्मण और भी मिल गए और यह काम सिखकर करने लगे। इनके वंशज बामणिया सुनार कहलाते हैं।

            मेढ़ सुनारों का धर्म शाक्त है। ये शराब व माँस का उपयोग करते हैं। इस जाति में नाता प्रथा प्रचलित है। विवाह व नाता में केवल चार गोत्र ही टालते हैं। इनमें फेरे केवल चार होते हैं। नाता बेवा के पीहर में होता है। नाता करने से पहले ससुराल वालों की फारगती होना आवश्यक है वरना वे लोग जाति, पंचायत व अदालत में कार्यवाही के अधिकारी हो जाते हैं। नाता केवल स्त्री अपनी स्वेच्छा से नहीं कर सकती है। नाता शनिवार की रात्रि को होता है। इनमें निम्न गौत्र हैं -कटारिया, कुलथा, जवड़ा, जालू, ढांवर, तूनघर, तोसावड़, दूसलिया, देवाल, परवाल, अगरोया, आसट, बदला, बाथरा, बीबाल, भंवर, भामा, माहेच, मांडण, रोड़ा, सोनालिया, सारडीवाल, सीदड़ आदि हैं। मेढ़ सुनारों में से कुछ लोग भातड़िया सुनार कहलाते हैं जो हमेशा गांवों में फिरा करते हैं। औजार सब थैले में रखकर घूमते फिरते हैं। एक जगह बैठकर दूकान नहीं लगाते। यदि सुनार सामने या दांये बांये मिल जाता है तो अपशगुन समझकर लोग कुछ समय के लिए वहीं बैठ जाते हैं।

2. बामणिया सुनार :-

यह जाति श्री माली ब्राह्मण और राजपूतों से भीनमाल में बनी थी। श्रीमालियों ने उनसे गहना घड़ना सीखा। जिन लोगों ने यह काम सीखा उन्हें अन्य श्रीमालियों ने अपनी जाति के बाहर कर दिया। यह ब्राह्मण होने से मेढ़ सुनारों में भी नहीं मिल सकते थे। इसलिए इन्होनें बामनिया सुनार की अलग जाति बनाई। इनके गोत्र है- वसिष्ट, हरितस, पारासर, गौतम, भारद्वाज, आत्रेय, कौशिक, काश्यप, कोकासुर। एक गोत्र में कई खांपें निकली हैं। इनमे कुछ राजपूत भी मिल गए। इनके गोत्र हैं- पडियारिया, सोलंकी, परमार, भाटी, देवल, दईया, चौहान और राठौड़।

        बामनिया सुनारों के रीति-रिवाज मेढ़ सुनारों से मिलते-जुलते हैं। इनमे नाता प्रथा प्रचलित हैं। ये शराब व माँस से परहेज करते हैं। इनका धर्म शैव, शाक्त और वैष्णव है। इनका इष्ट माताजी का है। मेढ़ सुनार इनसे कारीगरी में अच्छे होते हैं। मेढ़ सुनारों व बामनिया सुनारों में भोजन व्यवहार है मगर बेटी व्यवहार नहीं है।

3. न्यारिया :-

यह जाति, धूल से धोया सुनार, देवी के बांये हाथ के मैल से उत्पन्न हुई थी। यह थाली में धूल भी धोया करते हैं। राख भी छानते हैं जिससे इनको चाँदी व सोने के रेशे मिल जाते हैं। इनके रीति-रिवाज सुनारों से मिलते हैं। यह अपने साथ औजार गलाने और फूंकने का सामान रखते हैं। वास्तव में न्यारिये मुस्लिम सुनार कहे जा सकते हैं। आजकल सुनारगिरि का धन्धा न चलने के कारण यह लोग चाँदी का काम करते हैं।

मैढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की कुलदेवियाँ Maidh Kshatriya Swarnkar Samaj Kuldevi List

Gotra wise Kuldevi List of Maidh Kshatriya Swarnkar Samaj : मैढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज की गोत्र के अनुसार कुलदेवियों का विवरण इस प्रकार है –

सं.कुलदेवी  उपासक सामाजिक गोत्र

1.

अन्नपूर्णा माताखराड़ा, गंगसिया, चुवाणा, भढ़ाढरा, महीचाल,रावणसेरा, रुगलेचा।

2.

अमणाय माताकुझेरा, खीचाणा, लाखणिया, घोड़वाल, सरवाल, परवला।

3.

अम्बिका माताकुचेवा, नाठीवाला।

4.

आसापुरी माताअदहके, अत्रपुरा, कुडेरिया, खत्री आसापुरा, जालोतिया, टुकड़ा, ठीकरिया, तेहड़वा, जोहड़, नरवरिया, बड़बेचा, बाजरजुड़ा, सिंद, संभरवाल, मोडक़ा, मरान, भरीवाल,  चौहान।

5.

कैवाय माता कीटमणा, ढोलवा, बानरा, मसाणिया, सींठावत।

6.

कंकाली माताअधेरे, कजलोया, डोलीवाल, बंहराण, भदलास।

7.

कालिका माताककराणा, कांटा, कुचवाल, केकाण, घोसलिया, छापरवाल, झोजा, डोरे, भीवां, मथुरिया, मुदाकलस।

8.

काली माताबनाफरा।

9.

कोटासीण माता गनीवाल, जांगड़ा, ढीया, बामलवा, संखवाया, सहदेवड़ा, संवरा।

10.

खींवजा मातारावहेड़ा, हरसिया।

11.

चण्डी माता जांगला, झुंडा, डीडवाण, रजवास, सूबा।

12.

चामुण्डा माताउजीणा, जोड़ा, झाट, टांक, झींगा, कुचोरा, ढोमा, तूणवार, धूपड़, भदलिया/बदलिया , बागा, भमेशा, मुलतान, लुद्र, गढ़वाल, गोगड़, चावड़ा, चांवडिया, जागलवा, झीगा, डांवर, सेडूंत।

13.

चक्रसीण माताचतराणा, धरना, पंचमऊ, पातीघोष, मोडीवाल, सीडा।

14.

चिडाय माताखीवाण जांटलीवाल, बडग़ोता, हरदेवाण।

15.

ज्वालामुखी माताकड़ेल, खलबलिया, छापरड़ा, जलभटिया, देसवाल, बड़सोला, बाबेरवाल, मघरान, सतरावल, सत्रावला, सीगड़, सुरता, सेडा, हरमोरा।

16.

जमवाय माताकछवाहा, कठातला, खंडारा, पाडीवाल,बीजवा, सहीवाल, आमोरा, गधरावा,  धूपा, रावठडिय़ा।

17.

जालपा माताआगेचाल, कालबा, खेजड़वाल, गदवाहा, ठाकुर, बंसीवाल, बूट्टण, सणवाल।

18.

जीणमातातोषावड़, ।

19.

तुलजा मातागजोरा, रुदकी।

20.

दधिमथी माताअलदायण, अलवाण, अहिके,उदावत, कटलस, कपूरे, करोबटन,       कलनह, काछवा, कुक्कस, खोर, माहरीवाल।

21.

नवदुर्गा माताटाकड़ा, नरवला, नाबला, भालस।

22.

नागणेचा मातादगरवाल, देसा, धुडिय़ा, सीहरा, सीरोटा।

23.

पण्डाय (पण्डवाय) मातारगल, रुणवाल, पांडस।

24.

पद्मावती माताकोरवा, जोखाटिया, बच्छस, बठोठा, लूमरा।

25.

पाढराय माताअचला।

26.

पीपलाज माताखजवानिया, परवाल, मुकारा।

27.

बीजासण माताअदोक , बीजासण, मंगला, मोडकड़ा, मोडाण, सेरने।

28.

भद्रकालिका मातानारनोली।

29.

मुरटासीण माताजाड़ा, ढल्ला, बनाथिया, मांडण, मौसूण, रोडा।

30.

लखसीण माताअजवाल, अजोरा, अडानिया, छाहरावा, झुण्डवा, डीगडवाल, तेहड़ा, परवलिया, बगे, राजोरिया, लंकावाल, सही, सुकलास, हाबोरा।

31.

ललावती माताकुकसा, खरगसा, खरा, पतरावल, भानु, सीडवा, हेर।

32.

सवकालिका माताढल्लीवाल, बामला, भंवर, रूडवाल, रोजीवाल, लदेरा, सकट।

33.

सम्भराय माताअडवाल, खड़ानिया, खीपल, गुगरिया, तवरीलिया, दुरोलिया, पसगांगण, भमूरिया।

34.

संचाय माताडोसाणा।

35.

सुदर्शन मातामलिंडा, मिन्डिया।

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243 thoughts on “मैढ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज का इतिहास व कुलदेवियाँ | Maidh Kshatriya Swarnkar Samaj History |Kuldevi”

  1. श्री मान जी हमारा गोत्र खजवनिया है हमारी कुल देवी माॅ
    पिपलाज माता है मेरे मन मे विचार आया हमारी कुलदेवी पिपलाज माता है तो हमारे कुलदेवता कोन है
    कृपया आप के पास ऐसी कोई जानकारी होतो मुझे सुचीत
    करने की कृपा करे धन्यवाद

    Reply
      • पिपलाज माताजी के सामने जो भेरुजी है वह कुल भेरुजी है और कुलदेवता अग्निदेव है राव जी के कथन अनुसार है राव जी के मोबाइल नंबर 9 4 1 4 0 0 45 40 है रामेश्वर दयाल ख जवानियां तहसील अध्यक्ष नागौर जिला संस्थान मेड़ता सिटी आपको और भी कोई बात पूछनी हो तो राव जी से संपर्क कर सकते हैं

        Reply
      • पिपलाज माता जी के मंदिर के सामने जो भेरुजी है वहीभेरुजी है राव जी के कथन अनुसार है राव जी के मोबाइल नंबर 94 1400 4540 है आप राव जी से संपर्क कर सकते हैं रामेश्वर दयाल खजवा निया तहसील अध्यक्ष मेड़ता सिटी नागौर जिला संस्थान मेरे मोबाइल नंबर 94 135 81 671 है धन्यवाद

        Reply
      • खजवानीय गौत्र की कुलदेवी पिपलाज माताजी आबूरोड स्टेशन से थोड़ी दूरी पर स्थित है

        खजवानीया गौत्र के भैरवजी उज्जैन जिले में इंगोरिया से लगभग 12 किमी अंदर जहांगीरपुर कस्बे में है

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        • खजवानिया गोत्र के भेरू जी पूर भीलवाड़ा राज. में विराजित हे। डूंगरी के बालाजी पूर नाम से प्रसिद्ध है

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    • कैलाश चंद्र जी सोनी खजवानिया उज्जैन ।कुलदेवता नहीं कुल भैरव होते हैं। अगर कोई पूछे कि कुल देवता कौन है, तो कुल भैरव को ही कुलदेवता कहा जाता है।आप के कुलदेवता पिपलाज माता के स्थान पर ही विराज मान है आप भाग्यशाली हो दोनों साथ ही बैठे है नही तो दूर दूर जाना पड़ता है।

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      • जागलवा गोत्र की माता जी ओर भैरव जी का स्थान बताने की कृपा करें

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  2. महोदय हमारा गोत्र मछलिया है ननिहाल का गोत्र दढ़ियाल और ससुराल का गोत्र कंछलस है जिनके संबंध में कोई जानकारी नही है कृपया सूचित करने का कष्ट करें

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  3. मछलिया गोत्र की कुलदेवी कलासी का स्थान कहाँ है जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। 8273332928 राजीव वर्मा

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  4. गोत्र मछलिया, वंश देवडा, पुरखा मचिस, निकास सिरोही, कुलदेवी कलासी का उल्लेख अन्य वेबसाइट पर मिला किन्तु कुलदेवी कलासी के स्थान की जानकारी नही हो पाई कृपया स्थान की जानकारी देने का कष्ट करें। 8273332928

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  5. अहि गौत्र, जौ राजपूत होते है ॥ उनका इतिहास ओर कुल देवी के बारे मैं बताता दो ॥

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  6. वैवार गोत्र की कुल देवी का नाम और वो कहा स्थित है ।कृपा कर बताए

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    • सरून्डिया गोत्र की कुल देवी जीण माता जी है। जो इस सुची मै दर्ज नही है हमारे पूर्वजों द्वारा बताया गया है 200 वर्ष से जीण माता को कुलदेवी के रुप में पूजा करते थे ओमप्रकाश सोनी (सरुन्डिया)

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  7. श्रीमान मेरा नाम मोहनलाल /भवरलाल जी सोनी है गाँव दुधू धोरिमन्ना बाडमेर राज, जाती कुकरा कुलदेवी शाक्मभरी माता है

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  8. मेरा गोत्र ‘महुलियार’ है कृपया इस गोत्र का विवरण दें | आपका आभारी रहूँगा |
    धन्यवाद |

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  9. मेरा नाम चाँद मल सोनी *डसानिया* गोत्र की कुल देवी
    देवीओर स्थान मालुम हो तो बताए

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  10. 35 नम्बर पर माता सुद्रासन जी…… गोत्र मिन्डिया ad करे.

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    • आप कौन से उदावत है
      खौर उदावत या दाहिमा

      खौर उदावत की कुलदेवी दधिमती माताजी है जो नागौर जिले में है

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  11. खरगस गोत्र की कुलदेवी का नाम और स्थान बताने की कृपा करें।

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    • खरगस गोत्र की कुलदेवी माता हिंगलाज देवी है जिनका प्राचीन मंदिर जो कि 2000 वर्ष पुराना है लुद्रवा में है। मेरी भी गोत्र खरगस है।

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  12. Hum Ballia U.P. ke Sripalpur Gawn ke rahne wale hi Jo yahan v kahin se aa kar base hi Jo sahi jankari ni hi, hum yahan karib 500 ke lagbhag PARIWAR hi aur hum sab ekhi MOOL(Dumrahara) , GOTRA (Kashyap) hi Jo Bharat me Yahi ke Bashinda hi. Hamara Kshetra RAJA Bhoj jinka Dumrawn me MAHAL hi me padata hi. Agar AP hamare kul Dewata , Devi ke baare me ya Kuchh vishesh jante hi to kripya batane ki kripa Karen … Dhanyabad

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    • कश्यप गोत्र चूँकि मूलों में बँटा है। इसके कई कुल देवी देवता हैं और अधिकतर गोत्र मेढ़ क्षत्रिय वर्ग में आते हैं जैसे बहमनिया, सिसोदिया, अर्जनिया, जमुनिया, बेगणिया, रमणीक इत्यादि……..इसके लिए अलग से लिस्ट जारी करनी है। कुल देवी देवता में पीपलाज माता, सती माता, हिंगलाज माता, शीतला माता इत्यादि हैं।

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  13. हमारा नाम घनश्याम सोनी है क्षत्रिय स्वर्णकार हमारी अल्ल बिल्होरिया है कृपया मुझे हमारी कुल देवी एवं कुलदेवता बताने का कष्ट करें उस महान पुरुष की महान कृपा होगा

    Reply
  14. हमारी गौत्र सारडीवाल है तथा हमारी कुलदेवी बताने का कष्ठ करे |

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    • भाई में भी सलड़ीवाल हु, कृपया कुलदेवी के बारे में पता चले तो बताए

      Reply
    • Mere purvaj bata te he hamara mul Gotra Atri he or Bhaghriya Gotra he .kuldevi konsha he.( Parivar ke log Hinglaj Mata ko pujte he . confirm Gotra or kuldevi bataiye

      Reply
      • Mera Naam Vinod Soni hai.ham Jawwad ke rahne Wale hai.hamari gotra bukan hai.please hamari kul Devi ka Naam bataye

        Reply
        • भाई जी मे भी बुकण गौत्री हु
          अपने बुकण गौत्र की कुलदेवी फर्रा/फलाँ देवी है, जो मेवाड़ ओर हाड़ौती अंचल के बीच कही पर है

          लेकिन राव/भाट/बड़वा जी ने बुकण गौत्र का पूरा लेखा जोखा मनगढ़ंत मिलावटी कर दिया है,

          कुलदेवी के सन्दर्भ में बड़वाजी कभी जैसलमेर जिले में फलौदी स्थित लटियाल माताजी बताते है कभी रामगंजमंडी के पास में खैराबाद में बताते है और अब 5 6 सालो से मेड़ता रोड में ब्राम्हणी माता को बुकण की कुलदेवी बताने लगे है,
          कुलभैरवजी के विषय मे भी ऐसी ही गफलत भरी जानकारियां देते है,,

          Reply
  15. में उदय लाल सोनी मेरी गोत्र *ड्सानिया * है
    आप मुझे हमारी कुलदेवी कौन है
    ओर कहा विराजमान हैं उसका पता बताने का कष्ट करें
    ये जानकारी मेरे लिए अतिआवश्यक हैं
    मोबाइल नंबर 8233579615
    [email protected]

    Reply
  16. महोदय हमारा गोत्र कौशिक है,हमारी कुल माता का नाम बता सकते है क्या
    विजय कुमार सोनी( कन्नौजीया)±,बेमेतरा छत्तीसगढ

    Reply
  17. I am From GUND gotaar, My Elders were from Pakistan . an known as Maide KSHTRIYA SUNYAR ,
    May You Please tell me more about Who is my Kuldevi or JATHERE. .

    Any body who know something about My Kuldevi or my Jathere of Gotar “GUND’ , Please contact me at 9465959697
    Thank You.

    Reply
  18. JALU GOTRA ki kuldevi kon ha v unka mandir kha ha kisi Bhai ko pata ho so pls call ker bata sakay to atti kripa hogi
    Dinesh verma 9736995499 Himachal solan.

    Reply
  19. शर्मा जी सचु गोत्र मैड़ राजपूत की कुलदेवी बताने की कृपा करें

    Reply
  20. देवाल गौत्र की कुल देवी ब्रह्माणी माता है और उनका मन्दिर मेडता रोड राजस्थान में बना हुआ है

    Reply
  21. कुक्कस गौत्र के कुल देवता का क्या नाम है।सुबोध कुककस बागपत उत्तरपर्देश

    Reply
  22. कुक्कस गौत्र के कुल देवता का क्या नाम है।सुबोध कुककस बागपत उत्तरपर्देश
    8433077485

    Reply
  23. तोषावड़ गौत्र की कुलदेवी आशापुरा माता है।
    आपने जीण माता बताया ह।

    Reply
  24. में कुलतिया गोत्र से हु हमारा वंसज चोहान हे ।आप हमारे बारे में पूर्ण जानकारी देवे कृपा होगी

    Reply
    • कुलतिया नही कुलथिया गौत्र होती है

      कुलथिया गौत्र की कुलदेवी पिपलाज माता है जो राजस्थान के आबूरोड में स्थित है

      ओर
      भैरवजी उज्जैन जिले में इंगोरिया चौपाटी से उन्हेल रोड पर जहांगीरपुर कस्बे में है

      Reply
  25. गोत्र – जवड़ा
    कुलदेवी – शाकम्भरी माता

    Reply
  26. कृपया, मैढ़ क्षत्रीय स्वर्णकार के मंडावरा गोत्र की कुलदेवी का नाम तथा स्थान बताने का कष्ट करें।
    मेरा फोन न. 9555042154 है।

    Reply
  27. Krapiya med chatriya swarnakar benatiya gotra ki kuldevi ka nam or sthan bataye.
    Jo uppar list m 29. No. Pr banathiya likha h , whi benatiya bhi h kya …

    Krapiya batane ka kast kare 8819007620

    Reply
  28. सर मेरा नाम गौरव वर्मा है मैं जिला बिजनोर का निवासी हु और मेरा गौत्र का नाम ठाकरान है प्लीज हमरे कुल देवी का नाम बताए

    Reply
  29. Dear Sir,
    Our Gotra is Chikna but this gotra is not in the list. Please add the same and may I know our kuldevi and where it is.

    Reply
  30. Sir,
    Myself belong to sonar caste known as Chikna Gotra. May I know why this gotra is not in the above list and Who is our Kuldevi.
    Thanks

    Reply
  31. अंचल /अंचलीया गोत्र की देवी कुलदेवी कोंन है और कहा पर स्थित है
    में पहले भी लिख चुका हूं
    श्री मान जी से निवेदन है कि कृपया बताने का कष्ट करें आप की अति कृपा होगयी

    Reply
    • मैं उमेश वर्मा गोत्र अंचल महम का रहने वाला हूं अभी पटियाला में रहता हूं मेरे पास हमारी 23 पीढ़ी का इतिहास है। यदि किसी भी अंचल गोत्र के साथी के पास अंचल गोत्र व उनकी पीढ़ियों का इतिहास हो तो कृपया मुझसे संपर्क करें। 7355010415. जिस भाई को अंचल गोत्र के बारे में जानकारी चाहिए वह भी संपर्क कर सकता है। धन्यवाद जय हिंद।

      Reply
  32. अंचल /अंचलीया गोत्र की देवी कुलदेवी कोंन है और कहा पर स्थित है
    में पहले भी लिख चुका हूं
    श्री मान जी से निवेदन है कि कृपया बताने का कष्ट करें आप की अति कृपा होगयी kg soni kosikalan mathura up me

    Reply
  33. मै मैढ क्षत्रय स्वण्रकार हु हमारी गौत्र – बबेलिया है कृपा करके हमारी कुल देवी बताए मै आपका आभारी रहुगाँ
    मो-9413119235

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  34. सर हमारा गोत्र कोशल है जो की आप की लिस्ट में नही है
    क्या आप हमें बता सकते है कि हमारी कुल देवी कौन सी है
    और कहा है

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  35. सरूण्डिया गोत्र की कुलदेवी के बारे में जानकारी देवे / धन्यवाद
    (मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार) (चंद्रवंशी तंवर राजपूत )

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  36. सवकालिका माता का स्थान और ढिल्लीवाल गौत्र के भेरूजी का स्थान मालूम हो तो बताने का कष्ट करें !

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  37. सर मेरे सुसराल पक्ष की गोत्र पितलिया है जो आपकी लिस्ट में नही है कि कुल देवी व उद्गम बताने की कृपा करें

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  38. श्रीमान जी मेरा नाम विजय सोनी है , निवासी गाजियाबाद
    श्री मान मेरा गोत्र सांडलय है अगर आपको हमारी कुलदेवी और देवता के बारे में कुछ पता हो तो बताएं
    मेरा मोबाइल 9899792087 है
    मेरी ईमेल [email protected] है

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    • सारडीवाल गोत्र की कुलदेवी कोनसी है और कहा पर है बताने की कृपा करें

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      • गोत्र सारडीवाल नक तुवर निकास दिल्ली पुरखा सणुजी कुलदेवी सणबुंज है धन्यवाद

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  39. हमारा गोत्र जोड़वा है । कृपया हमारी कुलदेवी का नाम बताने का कष्ट करें। आपकी महती कृपा होगी।

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    • मैढ़क्षत्रिय सोनी गोत्र देवाल ,कुल देवी बताए

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  40. कुलथिया गोत्र की कुलदेवी कौन है कृपया कुलदेवी माताजी का नाम बताने की कृपा करें

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    • कुलथिया गौत्र की कुलदेवी पिपलाज माताजी है जो राजस्थान के आबूरोड कस्बे में स्थित है

      कुलथिया के भैरवजी उज्जैन जिले में इंगोरिया के नजदीक उंन्हेल रोड पर स्थित जहांगीरपुर कस्बे में है

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  41. सर
    हमारी गोत्र डसानिया है और हमारी कुल देवी कौन है और कहा इनका स्थान है ये बताने का कष्ट करें

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  42. हम अमित कुमार सोनी पुत्र श्री जगदीश चन्द्र गोत्र भारद्वाज है । जिसका विवरण इस पोस्ट में नहीं है । क्रपया आप इसमें जानकारी साझा करें ।
    मोबाइल न- 9897381778

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  43. बुकण गोत्र कि कुलदेवी का स्थान किसी को पता हो तो प्लीज बताये

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    • बहल देवी गुजरात है

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      • बुकण गौत्र की कुलदेवी बहल देवी और अल्हणनगर ये दोनों जानकारियां काल्पनिक है, जो साल 1992 से मेवाड़/हाड़ौती अंचल में समय समय पर प्रकाशित परिचय पुस्तिकाओं ओर स्मारिकाओं में कॉपी पेस्ट होती चली आ रही है

        अस्तु पूरे गुजरात मे न तो अल्हणनगर नामक कोई नया पुराना कस्बा है और न बहल देवी के नाम से कोई मन्दिर गुजरात मे कहि नही है

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    • में भी मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से बुकण गौत्री हु
      आप कहा से हो,

      बुकण की वास्तविक कुलदेवी फर्रादेवी है लेकिन पोथी भाटो ने बुकण गौत्र का पूरा इतिहास मनगढ़ंत करके बदल दिया है

      ज्यादा विस्तार से चर्चा के लिए
      मेरा वाट्सप 9425944882 है

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  44. मेरी गोत्र तुनघर है मेरी कुल देवी कहा है स्थान बताये पूरा add…………………

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    • चामुंडा करौली है

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  45. GANESH lalchand soni मेरा गोञ गग॔ है तो मुझे मेरा कुलदेवता और कुलदेवी बताइये
    Up ;dhanapur

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  46. मेरा गौत्र वेवार है कृपया कुलदेवी का विवरण देने की कृपा करें

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  47. आप का बहुत बहुत शुक्रिया आप ने जो जानकारी दी और बहुत बहुत धन्यवाद। आज आप की इस जानकारी से मुझ को अपनी कुल देवी का पता चला। गोत्र सतरावल, मैड क्षत्रिय ।

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  48. श्री मान जी हमारी गोत्र सुरन्डीया है ओर आपकी इस जातिय गोत्र की सूची मे इस गोत्र का कोई लेख नही है इसलिये आपसे निवेदन है कि आप सभी इस(सुरन्डीया) गोत्र का विवरण प्रस्तुत करे ।
    ये आप सभी से विनम्र निवेदन है।

    Reply
  49. आदरणीय पाठको मेरा नाम राहुल वर्मा है हमारा गोत्र ( रोझ। ) है हामरे कुल देवी अगर किसी को पता हो तो कृपया बताने का कष्ट करें ।
    राहुल – 9897173173 wup

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    • गोत्र ड सानिया नक पवार निकाह आबू पुरखा डासणजी कुलदेवी बुलाद है धन्यवाद

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  50. श्रीमान हमारा गोत्र जालु है।हमारी कुलदेवी कौनसी है कृपया मार्गदर्शन करें।

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  51. श्री मान जी ये स्वर्ण समाज में कोई भारद्वाज गोत्र होता है क्या अगर होता है तो उनकी कुलदेवी और कुलदेवता कोन है। और वो खत्री में आते है या अयोध्यावासी में आते है।

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    • हम भी भारद्वाज गोत्र के हैं। हम भी मैढ क्षत्रिय स्वर्णकार है हमें भी अपनी कुलदेवी के बारे में कोई ज्ञान नहीं है ‌।

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  52. श्री मान जी हमारा गोत्र बिलेटिया है ‘ इसकी कुलदेवी कोन मार्ग दर्शन करे

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  53. श्रीमानजी मेरा कुल गोत्र भिठुआ है हमारी कुल देवी कौन है कृपया कर बताएं । जय माता दी

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  54. हमारी जात (गोत्र) रोडा है । हमें बताया गया है कि *रोडा* जात वालों का गोत्र *कोशल/कुशल* है । हमारी कुलदेवी मुरटासीण माता (आपकी लिस्ट में 29 नम्बर) कौन सी है? मुरटासीण माता का स्थान बताये ।

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    • कुलदेवी नारायणी स्थान बूंदी राजस्थान है

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  55. कडेल गौत्र के कुल भैरव कहां पर है ?
    whatsapp please-8085116116

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  56. थुणगर गोत्र की कुल देवी चामुण्डा माता जी जो इस लिस्ट म नहीं है

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  57. सर मेरा नाम नवीन वर्मा जिला पंचकूला का निवासी हूं मेरा गोत्र दलाल है. कृपया हमारी कुलदेवी का नाम बताएं मेरा मोबाइल नंबर 9992 16 3770 है,

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  58. हेलो सर नमस्कार मेरा गोत्र कटारिया ह जाति सुनार मेरा कुलदेवता या कुलदेवी कोन ह प्लीज़ बताए आपका बहुत बहुत धन्यवाद होगा

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    • कुलदेवी सर गाय है

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  59. मैं राजेश कुमार, कश्यप गोत्र, कनौजिया स्वरनकार अथवा सोनार जाती से हूँ, बिहार निवासी हूँ, मेरी कुलदेवी या कुल देवता कौन हैं बताने की कृपा करेंगे ।
    धन्यवाद ।

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  60. क्या मै आपकी मालुमात share कर सकता हु.please permit me
    आपका अपना
    के बी वर्मा

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    • रामेश्वर दयाल खजवाणीया तहसील अध्यक्ष मेड़ता सिटी नागौर जिला संस्थान मोबाइल नंबर 9413 58 1671 व्हाट्सएप नंबर 95 3030 8671

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  61. हमारा गोत्र लोहाटिया है ओर हम maunath bhajhan ( uttarpradesh) के रहने वाले है हमारी कुलदेवी के बारे में बताए आपकी कृपा होगी…9829260718 pe whatsapp kre

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    • चूड़ियां गोत्र की कुलदेवी और कुलदेवता का पता हो तो कृपया हमें बताएं 9929596247

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  62. श्री मान मेरा नाम रविन्द्र कुमार स्वर्णकार है। मैं चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) का निवासी हूं मेरी गोत्र डसानिया है। यदि आप हमारी कुलदेवी के बारे में जानते हो तो हमें बताने का कष्ट करें
    सधन्यवाद।।

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    • गोत्र ड सानिया कुलदेवी बुला द

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  63. उद्याल गोत्र देसवालो सुनार के कुल देवता/ देवी के बारे में बताने की कृपा करें।

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    • कुलदेवी ज्वाला मां दोसा राजस्थान

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    • मेरा नाम अनिल सोनी है मेरा गोत्र कुल पारिया है और मैं राघौगढ़ एमपी जिला गुना का रहने वाला हूं कुल पारिया गोत्र भी सुनार गोत्र लिस्ट में शामिल नहीं है कृपया इसे भी लिस्ट में शामिल करें और कृपया करके मुझे मेरे देवी-देवताओं के बारे में जानकारी दें मैंने सुना है हमारी कुल देवी का मंदिर सागर मालथौन में है कृपया हमारी कुल देवी और देवता के बारे में बताने का कष्ट करें और हम अयोध्यावासी है मेरे दादा जी कहते थे

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  64. कंसलास गोत्र की कुलदेवी के बारे में अवगत कराने की कृपा करे।

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  65. Mera gotra Dholiyan hai, kirpaya jis kisi savjatiya bandhu ko DHOLIYAN gotra ki kuldevi aur kuldevta ki jankari ho plz plz plz uplabdh karave. Mob 9897279296

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  66. Mera Naam Kailash Soni son of Durga Prasad Soni hai Rajasthan se hun district Alwar Tahsil bahroad Gaon Hai khohar vaise hi Meri Kuldevi e kaun si hai Hamare got Rahe Sankat kripya Karke bataen Meri Kuldevi kahan per hai aur kaun si hai

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  67. कृपा करके
    गर्गस्त गौत्र की कुलदेवी और कुल देवता बताईये

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  68. गर्गस्त गौत्र की कुल देवी का नाम क्या है

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  69. महोदय, कृपया धौलियान गौत्र की कुलदेवी एवम उनके स्थान की जानकारी दीजिए। व्हाट्सएप नंबर 9897279296। आभारी रहूंगा।

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  70. श्री मान गोत्र डसानिया हैं हमारा हमारे दादा परदादा की तीन पीढ़ी निकल गई है हमे हमारी कुलदेवी का पता नही है कृपया करके हमारा मार्गदर्शन करे हम बताए की हमारी कुलदेवी कोन है और कहा पर विराजमान हैं..?

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  71. हम मेढ़ छत्रिय स्वर्णकार हैं हमारे गोत्र का नाम कश्यप है कृपया हमारी कुलदेवी के बारे में बताएं

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  72. आदरणीय डाहके मालवीय सुनार कुलादेवी बताये

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  73. मेरा नाम जगदीश सोनी मेरे पीताजी का नाम मनोज सोनी है
    हमारा गौत्र माली है जो हमे हमारी कुलदेवी का पता नहीं है
    जो मै पूछना चाह्ता हू की हमारी कुलदेवी कहा पर है ओर कौनसी है

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  74. धतुरिया और ठकुराडिया गोत्र की कुल देवी कौन हैं ?कृपया बताये

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  75. mera naam abhishek h or mera gotra “KANRAS” h kya is gotra bagar rajasthan k aas paas h or humari kul devi ka kase pata chale.

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  76. मेरा नाम प्रीति खन्ना है हमारा गोत्र भार्गव है हम सुनार है हमारी जात माई है हमारे पूर्वज पाकिस्तान से है हमारी कुलदेवी कौन सी है

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  77. मेरा गोत्र धौलियान है, मै मैढ़ क्षत्रिय राजपूत स्वर्णकार हूं, मुझे अपने गोत्र की कुलदेवी का नाम एवम स्थान की जानकारी चाहिए, कृपया जिस किसी भी स्वजातीय बंधु को सटीक जानकारी हो मेरे व्हाट्सएप नम्बर 9897279296 पर भेजने की कृपा करें। आभारी रहूंगा।

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  78. देवाड़िया गोत्र की कुलदेवी जी ने कहा है यदि किसी को पता है तो कृपा बताएं

    Reply
  79. मेड क्षत्रिय स्वर्णकार समाज से हूं और मेरी गोत्र तूनगर हमारी गोत्र की कुलदेवी व कुल भेरुजी कहां पर है

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  80. मेरा नाम प्रवीण सोनी है और हमारा गोत्र तूणगिर है हमारी कुलदेवी बताएं और कहां पर है यह भी बताएं

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  81. Mera gotr Ahilyan hai aur main medh swarnkar hun, mujhe kuldevi ka nahi pata, lekin suna hai ki kashipur, uttar pradesh me chaiti ke mele me kahin mandir hai shayad.

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  82. मेरा गोत्र सिंहपुरिया है। हमारी कुलदेवी एवं कुल भैरव बताएँ। राजस्थान से मध्य-प्रदेश आने के बारे में कोई जानकारी कहाँ मिलेगी एवं यदि कोई ऐतिहासिक साक्ष्य देखना हो, किसी पुस्तक का नाम जो इस खोज में सहायता करे तो बताइए
    आभार
    [email protected] पर प्रेषित करने की कृपा करें

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  83. पांचम गोत्र की कुल देवी कोन सी है कृपया मार्गदर्शन दे

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  84. बेवाल (बूवाल)परिवार की कुलदेवी भेरू जी खा ही

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  85. बेवाल (बुवाल)परिवार की कुलदेवी भेरू जी खा हैं

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    • बूच्चाना गोत्र मेड क्षत्रिय की कुल देवी

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  86. मे राजेश सोनी पिता पन्ना लाल सोनी मेड क्षत्रीय स्वर्णकार हमारी गोत्र बुच्चाना है हमारी कुलदेवी कोन है और कहा स्थित है और कुल देवता कहा है और कोन है

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  87. मेरी गौत साडीवाल हे मेरी कुलदेवी कोई बता सकता है

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  88. Mei Swarnkar hu. Mere parivar ka gotra jatiyan जाटयान h. Humare dada dadi यमुनानगर district हरियाणा ke Jathlana गाँव se. Please hamari kuldevi ka नाम और स्थान बताएं.

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