श्री जीणमाता दुर्लभ संस्कृत कथा स्तुति
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संस्कृत भाषा में रचित श्री जीणमाता की महिमा का बखान करती इस दुर्लभ श्लोकमय रचना का पाठ कर जब आप माँ की स्तुति करेंगे तो आपकी प्रार्थना कुलदेवी माँ जीण भवानी तक अवश्य ही पहुंचेगी। इन श्लोकों का अर्थ समझने के लिए उनका हिंदी अनुवाद भी दिया गया है। इन श्लोकों की संख्या73 है। रचना में छंद ‘अनुष्टुप’ है, जिनका आप सुन्दर संगीतमय गायन कर सकते हैं।
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