मेरा नाम संजय शर्मा है, और उम्र 26 वर्ष (2016 में). बचपन से ही नए-नए स्थानों पर घूमने व देखने का शौक रहा है। साथ ही प्राचीन भारतीय संस्कृति व दर्शन से प्रभावित हूँ। अतः हमेशा चाहता था कि अपनी संस्कृति के लिए कुछ कर सकूँ। मेरे पिताजी डॉ. रामकुमार दाधीच जो राजस्थान संस्कृत शिक्षा में कार्यरत हैं, ने मुझे भारतीय आध्यात्म में कुलदेवी का महत्व बताया तथा मुझे इस क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। पिताजी की ही प्रेरणा से मैंने कुलदेवी तथा कुलदेवताओं से सम्बंधित इस ब्लॉग को शुरू किया, जिसमें मैं विभिन्न कुलधामों (कुल अथवा वंश परम्परा का धाम जहाँ कुलदेवता विराजमान होते हैं) की यात्रा कर वहां की जानकारी तथा चित्र संकलित करता हूँ। मेरा प्रयास है कि समस्त समाजों अथवा वंश-परम्पराओं की कुलदेवियों अथवा कुलदेवताओं का संकलन इस ब्लॉग में कर सकूँ। इस अभियान व ब्लॉग का नाम “मिशन कुलदेवी” मेरे पिताजी की ही कल्पना है।
प्राचीन साहित्य व भारतीय संस्कृति को भली प्रकार समझने के लिए मैंने संस्कृत साहित्य में M.A. किया। कला क्षेत्र में रूचि होने कारण मैंने ग्राफिक्स का कोर्स किया तथा कुछ वर्षों तक जॉब की। परंतु पर्यटन के अपने शौक तथा कुलदेवियों के अभियान के लिए मैंने नौकरी छोड़ दी तथा अब ग्राफिक्स के कार्य को फ्रीलान्स कर मैंने स्वयं को इस अभियान व पर्यटन के लिए ही समर्पित कर दिया है।
मिशन कुलदेवी कुलधामों पर आधारित हिन्दी ट्रेवल ब्लॉग है जिसमें मैं ‘मेरी यात्रा’ श्रेणी के अन्तर्गत लक्षित कुलदेवी के मन्दिर को केन्द्र में रखकर उस यात्रा में दर्शनीय अन्य पर्यटन स्थलों का भी विवरण हिन्दी भाषा में संकलित कर रहा हूँ।
भारतवर्ष के विभिन्न स्थानों, जहाँ मैं कुलधामों के दर्शन करने के लिए घूमता हूँ, उन स्थानों के अन्य पर्यटन स्थलों पर मेरे भ्रमण के विवरण का संकलन करने के लिए मैंने “हिन्दुस्थानम्” नाम से पृथक ब्लॉग शुरू किया है। इस ब्लॉग को विश्वभर में पठनीय बनाने की लिए इसे अंग्रेजी भाषा में लिख रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह भी पसंद आएगा।
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