किणसरिया की कैवायमाता “Kewai Mata- Kinsariya”

Kewai Mata Kinsariya Parbatsar Temple History in Hindi : नागौर जिले के मकराना और परबतसर के बीच त्रिकोण पर परबतसर से 6-7 की. मी. उत्तर-पश्चिम में अरावली पर्वतमाला से परिवेष्टित किणसरिया गाँव है, जहाँ एक विशाल पर्वत श्रंखला की सबसे ऊँची चोटी पर कैवायमाता का बहुत प्राचीन और प्रसिद्ध मन्दिर अवस्थित है । नैणसी के अनुसार किणसरिया … Read more किणसरिया की कैवायमाता “Kewai Mata- Kinsariya”

महिषमर्दिनी का शांत स्वरूप “ओसियाँ की सच्चियायमाता” “Sachchiyay Mata- Osiyan”

Sachchiyay Mata Temple Osiyan History in Hindi : सच्चियाय अथवा सच्चियायमाता (Sachchiyay Mata / Sachiya Mata) का भव्य और प्रसिद्ध मन्दिर जोधपुर से लगभग  60 की.मी. दूर ओसियाँ में स्थित है । ओसियाँ पुरातात्विक महत्व का एक प्राचीन नगर है । इसका प्राचीन नाम उकेश था जिसका अपभ्रंश कालान्तर में ओसियाँ हो गया । ओसियाँ में वैष्णव, शैव, देवी … Read more महिषमर्दिनी का शांत स्वरूप “ओसियाँ की सच्चियायमाता” “Sachchiyay Mata- Osiyan”

नाडौल की आशापूरा देवी / महोदरीमाता “Ashapura Mata- Nadol”

Ashapura Devi Nadol History in Hindi : आशापूरा (Ashapura Mata) शाकम्भरी के चौहान राजवंश की कुलदेवी थी । नैणसी की ख्यात का उल्लेख है कि लाखणसी चौहान को नाडौल का राज्य आशापूरा देवी की कृपा से मिला । तदनन्तर चौहान इसे अपनी कुलदेवी मानने लगे । आशा पूर्ण करने वाली देवी आशापूरा के नाम से … Read more नाडौल की आशापूरा देवी / महोदरीमाता “Ashapura Mata- Nadol”

करौली की कैलादेवी – श्रीकृष्ण की बहिन योगमाया का अवतार “Kaila Devi-Karauli”

Kaila Devi Karauli Story in Hindi : पूर्वी राजस्थान का प्रसिद्ध शक्तिपीठ कैला देवी (Kaila Devi) करौली से लगभग 25 किमी.  की दूरी पर स्थित है । वहाँ त्रिकूट पर्वत की सुरम्य घाटी में बना कैला देवी का भव्य मंदिर अपने शिल्प और स्थापत्य के कारण तो दर्शनीय है ही साथ ही देश के कोने-कोने से आने वाले लाखों … Read more करौली की कैलादेवी – श्रीकृष्ण की बहिन योगमाया का अवतार “Kaila Devi-Karauli”

आम्बेर की शिलादेवी ” Mata Shila Devi- Amber”

Shila Devi Amber History in Hindi : आम्बेर (Amber) की शिलादेवी (Shila Devi) आम्बेर-जयपुर के कछवाहा राजवंश की आराध्य देवी हैं। शिलादेवी अष्टभुजी महिषमर्दिनी की मूर्ति है। इन्हें मुग़ल बादशाह अकबर के सेनानायक आम्बेर के राजा मानसिंह प्रथम लाए थे, जिसे  उन्होनें अपनी राजधानी आम्बेर में प्रतिष्ठापित किया। इस सम्बन्ध में अधिकांश ग्रंथों के अनुसार राजा मानसिंह … Read more आम्बेर की शिलादेवी ” Mata Shila Devi- Amber”

भीषण अकाल में जन-जन का भरण पोषण करने वाली शाकम्भरी माता

Shakambhari Mata Sambhar Story in Hindi : शाकम्भरी देवी (Shakambhari Mata) का प्राचीन सिद्धपीठ जयपुर जिले के साँभर (Sambhar) क़स्बे में स्थित है। शाकम्भरी माता साँभर की अधिष्ठात्री देवी हैं। साँभर एक प्राचीन कस्बा है जिसका पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्त्विक महत्त्व है। साँभर का शताब्दियों का गौरवशाली इतिहास और अपनी विशेष सांस्कृतिक पहचान रही है। … Read more भीषण अकाल में जन-जन का भरण पोषण करने वाली शाकम्भरी माता

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