रायसर की ‘बांकी माता’ | Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)

बांकीमाता का मन्दिर रायसर गाँव में स्थित है । जयपुर जिले में जमवारामगढ़ से आंधी जाने वाले मार्ग पर रायसर गाँव है जो पूर्व जयपुर रियासत में नाथावतों का जागीरी ठिकाना माना जाता है । यहाँ पर बांकीमाता या बांकमाता का प्राचीन स्थान है ।  रायसर में देवीतला नामक  स्थान पर ऊंची पहाड़ी पर मन्दिर अवस्थित है। पहाड़ी धोक वृक्षों से आच्छादित है। मन्दिर तक पहुंचने के लिए 650 सीढ़ियां बनी हुई हैं।

तलहटी में देवीतला नाम का छोटा सा गाँव है। माता के पुजारी सौगण गोत्र के मीणा हैं जो यहीं रहते हैं। स्थानीय श्रद्धालु वहाँ प्रतिदिन दर्शन लाभ करते हैं। नवरात्रों में मन्दिर में विशेष जनसैलाब उमड़ता है।

Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)
Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)
Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)
Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)
Banki Mata, Raisar (Jaipur)

माता का प्राकट्य :

कहा जाता है कि रायसर गाँव के ब्याड़वाल गोत्र के मीणा परिवार की एक बेटी का विवाह खवारानी गाँव के सौगण गोत्र के मीणा परिवार के युवक से हुआ। उनके एक पुत्र हुआ जिसका नाम भांगी रखा गया। भांगी के जन्म के कुछ महीने बाद ही उसके पिता की मृत्यु हो गई। कुछ समय बाद भांगी की माँ उसे लेकर अपने पीहर रायसर आ गई और यहीं रहने लगी। जब भांगी किशोर अवस्था में पहुंचा तो वह पशुओं को चराने का काम करने लगा। जहाँ वह पशुओं को चराने ले जाता वहीँ एक पहाड़ी पर एक दिन दिव्य प्रकाश हुआ और आकाशवाणी हुई ‘हे वत्स ! मैं शक्ति का अंश हूँ और भक्तों के उद्धार के लिए यहाँ प्रकट हो रही हूँ। मेरे प्राकट्य लेने पर तू मेरी मेरी सेवा का अधिकारी होगा। और जो भी भक्त भक्ति से मेरी आराधना करेगा उसे मनवांछित फल प्राप्त होगा। कुछ ही देर बाद वहां अंधकार छा गया और बिजलियाँ कड़कने लगीं और तूफ़ान के बीच दिव्य प्रकाश हुआ और रथ पर सवार माता प्रकट होने लगी। अभी रथ का सुगन्या ही प्रकट हो पाया था कि भांगी घबरा गया और चिल्लाने लगा। इससे माता नाराज हो गई और चट्टान में उतने ही प्राकट्य रूप में रह गईं। इस घटना से गांववाले सभी लोग चकित और भयभीत थे। भांगी भगत ने माँ से क्षमा मांगकर गांववालों को सारी बात बताई। 

Banki Mata Raisar Video :

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माता का स्वरूप :

बांकी माता का प्राकट्य स्वरुप कुछ अंगुल मात्र के रथ के सुगन्या के रूप में है। इसी के पास माता की प्रतिमा भी विराजमान है जो सिंदूर से चर्चित है। इनके समक्ष अखण्ड ज्योति प्रज्वलित है। माता को ब्रह्माणी के स्वरूप में पूजा जाता है। माता की पूजा सात्विक विधि से होती है। माता के पुजारी भांगी भगत के वंशज हैं। 

Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)

इसलिए कहा जाता है माँ को बांकी माता :

कहते हैं कि एक समय रायसर के रावल ने माता की आलोचना कर दी थी। माता के प्रकोप से उसका मुंह बांका  (टेढ़ा) हो गया। इस पर उसने माता से क्षमा मांगी और आराधना की। वह पुनः स्वस्थ हो गया। तभी से माता बांकी माता के नाम से जानी जाने लगी। 

Kesri Singh Bhairav Temple at Banki Mata Temple, Raisar
Prithvi Singh Bhairav at Banki Mata Temple, Raisar

माता की पूजा से पहले की जाती है इन दो भैरवों की पूजा: 

एक ठाकुर ने बांकी माता की परीक्षा लेने के लिए लोहे की सांकलों को सुर्ख लाल गर्म करवाया और माता के भगत से बोला कि “माता का सेवक है तो इन सांकलों को आग से निकाल कर बता।” इस पर भगत डर कर भाग गया और कहीं छिप गया। तब भगत में माता की सवारी आई और वह रौद्र रूप में महल में पहुंचा।  उसने सांकलों को आग से निकाला और सांकलों की कड़ियाँ अलग-अलग होकर बिखर गईं। ठाकुर भयभीत होकर माता के चरणों में गिर पड़ा। तब क्रोधित माता बोली, “मूर्ख! अपने पुत्रों को सम्हाल।” ठाकुर ने देखा कि उसके पुत्र केसरी सिंह और पृथ्वीसिंह मृत पड़े हैं। ठाकुर ने विलाप करते हुए माता से पुत्रों को जीवनदान देने की प्रार्थना की।  तब माँ बोली, “अब ऐसा नहीं हो सकता किन्तु मेरी कृपा से ये दोनों मेरी सेवा में रहेंगे। ये दोनों मेरे भैरव होंगे। पहले इनकी पूजा के बाद ही भक्त मेरी पूजा के अधिकारी होंगे।” पहाड़ी पर माता के मंदिर के रास्ते में ही केसरीसिंह और पृथ्वीसिंह के स्थान बने हुए हैं। माता की पूजा से पहले इनकी पूजा की जाती है। 

Banki Mata Temple @ Google Map

16 thoughts on “रायसर की ‘बांकी माता’ | Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)”

  1. Jai Baanki Mata Ki.

    Really litterally you are the super power Goddess.
    You always fulfills everyones wishesh.

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  2. baki mata hamari pariwar kul davi ha mata ji ka aserwad sa ham sab mata ji ki karpa sa kusal magal ha jay baki mata ji

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  3. Pabari (meena) gotra ki kuldevi bankimata hi hai agar kisi bhaktjan ko puri v Pramanik jankari hai to please lok hit me share karen

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