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Gotra, Kuldevi List of Vijayvargiya Community विजयवर्गीय समाज की कुलदेवियाँ

विजयवर्गीय एक वैश्य समुदाय है जो मुख्य रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश  करते हैं।

मान्यता है कि इस समाज की उत्पत्ति उत्तरी राजस्थान के ऐतिहासिक नगर ‘खंडेला’ से हुई थी। विजयवर्गीय के साथ ही माहेश्वरी समाज और खंडेलवाल समाज की उत्पत्ति भी खंडेला से ही मानी जाती है। यह समाज मुख्य रूप स वैष्णव (वैश्य) है। इसी समाज के संत स्वामी रामचरण (1718-1798) ने भीलवाड़ा के शाहपुरा में रामद्वारा स्थापित कर रामस्नेही संप्रदाय की स्थापना की थी।   पुष्कर (अजमेर) में स्थित गिरधर गोपाल का प्रसिद्ध मंदिर, जिसने मीराबाई को अमर बना दिया है, इसी समाज की ओर से एक उपहार है। 

विजयवर्गीय समाज की उत्पत्ति :

धनपाल वैश्य खंडेला जनपद (सीकर) के राजा के प्रधानमंत्री थे। उनकी चार संतानें थी। 1. सुंडा, 2. खंडा, 3. महेश व 4. वीजा। इन चारों ने  चार वैश्य समाजों की स्थापना की। 

  • सुंडा ने सरावगी समाज की स्थापना की। 
  • खंडा ने खंडेलवाल समाज की स्थापना की। 
  • महेश ने माहेश्वरी समाज की स्थापना की। 
  • वीजा ने विजयवर्गीय समाज की स्थापना की। 

अतः इन चारों समाजों ने अपनी उत्पत्ति का दावा खंडेला से किया है। परन्तु अन्य  कोई साक्ष्य चार भाइयों के सिद्धांत की पुष्टि नहीं करता। खंडेला के कुछ विद्वान दो भाइयों – खंडा और वीजा ही से उन समाजों की उत्पत्ति को स्वीकार करते हैं। इन दोनों समाजों में प्रत्येक में  72 गोत्र (शाखाएँ) हैं, जिनमें से 13 गोत्रों में समानता है। 

मान्यता है कि 363 ई. में खंडेला के शासक  उसके पुत्र कुंवर जयंत सिंह के कुछ मतभेद हो गए थे। परिणामस्वरूप राजा ने कुंवर जयंत सिंह को निर्वासित करने का आदेश दे दिया। तब वहां के प्रधानमंत्री के पुत्र वीजा ने अपने 71 समर्थकों के साथ कुंवर जयंत सिंह का अनुसरण करते हुए उसके साथ ही चला गया। उन्होंने अपना पहला पड़ाव जाखेरी में बनाया। वहाँ उन्होंने एक योजना बनाई और रणथंभौर के राज्य पर आक्रमण किया और राज्य पर कब्जा करने में सफल रहे। अपने इन 72 अनुयायियों की भक्ति और वीरता से प्रभावित होकर कुंवर जयंत सिंह ने पूरे समूह को विजयवर्गीय नाम दिया। यही 72 लोग 72 कुलों के अग्रदूत बन गए। 

Kuldevi List of Vijayvargiya Samaj विजयवर्गीय समाज के गोत्र एवं कुलदेवियां 

Gotra wise Kuldevi List of Vijayvargiya Samaj : विजयवर्गीय समाज की गोत्र के अनुसार कुलदेवियों का विवरण इस प्रकार है –

सं.कुलदेवीउपासक सामाजिक गोत्र (Gotra of Vijayvargiya Samaj)

1.

अन्तहरे माता  नईवाल, नान्दन्या, पादडिय़ा, राजोरिया।

2.

अम्बिका/ अमवाय/ जमवाय/ जनकाय माताअमरियो,आमटा, आसोज्या, कटरिया, खुंवाल, दुग्गा, गढ़वाल, चीटीजवाल, जलधरिया, डांस, तहतूण्या, दुग्गा, दुसाज, नाराणीवाल, बंथलीवाल, बंदीवाल, बहेतरा, बोहरा, ग्वालेरा भियाण्या, पूरभियाण्या, मेड़त्या, राजोरिया, लाटणीवाल,  वैंकटा, सुजाण्यां, सुरसरीवाल, लहटाणी।

3.

आवरी मातागोठरीवाल।

4.

आशापुरा/ आशा/आशावरी/आशापुरी माताअजणोध्या, अजमेरा, अजमेरा संगी, खड़ास, खेतोद्या, गढ़वाल,  गोठरीवाल, दोसीवाल, दुहाटाण्या, नान्दन्यास, पंचलोडिय़ा, पादडिय़ा, बहेतरा,  मारोदिया, पंचालियों, मेड़त्या, राईवाल, लुहारिया, सलोलकपुरिया।

5.

ईश्वरी मातागुराऊ, गुराऊ भियाण्या, बस्सीवाल।

6.

ककराज माताअमणे, गुगोरिया, नान्दन्या।

7.

कनवाय मातानाट्या, नाट्या संगी, पानड़ीवाल।

8.

कपासण माताखूंटेटा।

9.

कियाहि/कियाय/कैवाय माताआदूणा, आसनीवाल,कजडिय़ा, बोरा, मणिहार।

10.

कांसली माताघीया, निझरण्या, भरसुई, लाटणीवाल।

11.

कुंजल माताबुढाण्यों

12.

कुण्डेश्वरी माताभियाण्या, पुरखभियाण्या, राजोरिया, पूरभियाण्या।

13.

कैलाझ मातावरड़ा।

14.

कोलणी मातागुगोरिया चींगट्या, नाईवाल।

15.

कोहेन मातागड्डी, बोहरा।

16.

क्षेमजा /क्षेमकारी/ खींवज/खेंवज मातागुराऊ, गुराऊ भियाण्या, गोखरूवाल, धरसवाल।

17.

गाजनी माताहींगवा।

18.

गुडोनी माताडूंगरिया।

19.

गुणादीज माताखरड़ा संगी, सुर्खभियाण्या।

20.

घसाय माताटोकरवासा

21.

चकेश्वरी/ चकेसर/ सूचिकेश्वरी माताअधाई, अमणे, अमरियो, कहकटा, कुलहजता, गंगवाल, चींगट्या, चौपरिया, पटवास, परड़ा, पखाडय़ा, पड़ाहा, लाटणोवाय, सुनाडेया।

22.

चामुण्डा माताबहराडय़ा, बहेतरा, भियाण्या, कटारिया भियाण्या, मणिहार, मारोटिया,  मंू्रग्या, मोखड़ीवाल, मोढया, सुनाडया, सुरधणीवाल, सुरल्या, सोहलिया, खोरठा, हरषोरीवाल।

23.

चावंड माताअजमेरा, अजमेरा संगी, अधेडय़ा, कटारिया, खोहरीवाल, गाजनीवाल,  घरसवाल, घीया चांदीवाल, चौधरी जौजोथा।

24.

जीण/जीवण मातागढ़वाल, जयवाल, ढोसीवाल, नाईवाल, फाईवाल, बढ़ाडरा, बाकुल्या, बिजोल्या   लिलोरिया, सुजाण्या।

25.

डाबर मातापरवाड्या, अमरियो, सुरसन्या।

26.

डूंगरियो मातागुडस।

27.

डूंडेश्वरी/डूण्डेसरी/ढूंढेसर माताभराड़लिया, मेड़त्या, बरड़ा, बड़दा।

28.

ढोसर/ढोसरी मातामुवानिया।

29.

नसाय माताईडी।

30.

नागण माताअधाई, खण्डारिया, गुलेरिया, ग्वालेरिया, घीया, टोकरवासा, दावण्यो, नाराणीवाल, नुगजाण्या, तुहणगरा, भियाण्या, माली, मुवानिया, पेड़त्या,  राजोरिया, नुगजाण्या, बहराड्या।

31.

पारा/पाढ़ाय माताआटूणा, कोदई, पट्वास पल्लीवाल, पाटणीवाल पिपोलोद्या, सिधवाण।

32.

पद्मावती माताजरडिय़ा, पाटन्या।

33.

पिपलाज माताखण्डारिया, गढवाल, नायकवाल, नायकान्या, निझरण्या, पानड़ीवाल, बसत्या।

34.

फलौदी मातागोठड़ीवाल, दुहाडिय़ा।

35.

बीलवाज माताकटारिया, खण्डारिया, हसुरीवाल।

36.

बहेमात मातानायकवाल, पिपाड्या, सागरया, सेढाणी, ढोसीवाज।

37.

बंबूलीमाताखोहीवाल, नाहर्या, पंचोली, पिपलोद्या, पिपाड्या, मूंग्या, रोहीवाल, साखुण्या, साखुण्या पंचोली, सुरधणीवाल, सोरठा।

38.

बालणी मातागाजनीवाल, चींगद्या।

39.

बासणी माताखण्डारिया, गुगोरिया, निझरण्या हरषोरीवाल।

40.

बीजासणमातासेढानी।

41.

बराय मातादेवाद्या, गुगोरिया।

42.

भगोती देवीअजणोद्या।

43.

भद्रकाली माताबोरासंगी, जुझायता भियाण्या, पुरख भियाण्या, सुर्ख भियाण्या, संधी।

44.

मण्डेरी मातापरवा।

45.

मोखण मातापंचल्होडिया, पंचल्होडिया संगी, बिजवाल, मण्डीवाल, हरषोरीवाल, हसुरीवाल।

46.

राता देवी/राणा देवीमाताअजमेरा, अजमेरा संगी, खोहरीवाल, गाजनीवाल, सहतूण्या, नाराणीवाल, बहराड्या।

47.

रगोमात मातापाटन्या।

48.

लखेसण माताईडी, खटउड़ा नरेड़ीवाल, पड़वान्या, सागरया।

49.

लोयसण माताकापड़ी, पंचल्होड्या, पंचल्होड्या-संगी, बिजवाल, राइवाल, लुहाटिया, हरषोरीवाल, हसुरीवाल।

50.

सकराय माताआटूणा, बोहरा, मोखड़ीवाल, गोढ्या।

51.

सचवाय माताऊँ ची, कहकटा, परवाड्या, गुदरिया, गोठड़ीवाल, चट्या, चूनचट्या, नारनोल्या,  नुगलाण्या, परड़ा, तुहणगरा भियाण्या, मुडरिया, मुलतानी, वरड़ा।

52.

सणाय माताबस्सीवाल, सोहलिया।

53.

सरसाय माताभरीवाल, लूणीवाल, षणथलीवाल, समरीवाल।

54.

सुन्थल माताकोटवाल, गुराउ, ग्वालेरिया, गोखरूवाल, नाट्या, नाट्यासंगी, शुद्ध भियाण्या।

55.

सुवावरी मातापरड़ा।

56.

सोंढल मातागुराऊ, गुराऊ भियाण्या, नाईवाल, राजोरिया, शुद्ध भियाण्या।

जिन कुलदेवियों व गोत्रों के नाम इस विवरण में नहीं हैं उन्हें शामिल करने हेतु नीचे दिए कमेण्ट बॉक्स में  विवरण आमन्त्रित है। (गोत्र : कुलदेवी का नाम )। इस Page पर कृपया इसी समाज से जुड़े विवरण लिखें।

59 thoughts on “Gotra, Kuldevi List of Vijayvargiya Community विजयवर्गीय समाज की कुलदेवियाँ”

  1. मण्डेरी माता(परवा गोत्र की कुलदेवी) का मन्दिर कहा है

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  2. कृपया इस में मन्दिर कीस शहर में है इस की भी जानकारी देवे।

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  3. चौधरी गौत्र वालों की कुलदेवी का मंदिर कहाँ पर स्थित हैं, कृपया बताने का कष्ट करें, धन्यवाद।

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    • चौधरी समाज की शक्ति माता पीपलू जिला टोंक राजस्थान संपर्क सूत्र रमाकांत विजयवर्गीय पीपलू (9782081673)

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  4. Ours is amyay mata .our gotra is khowal in vijayvargiya samaj .kindly intimate place of amyay mata and its history of origin if available

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    • बारां जिले में मांगरोल कस्बे से 4 किलोमीटर दूर महू गांव में।

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  5. विजयवर्गीय समाज में पाटोदिया गोत्र की कुलदेवी का विवरण नहीं है।

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  6. पाटोदिया: जीणमाता
    कोटडी, खण्डेला, सीकर के पाटोदियाओ की कुलदेवी जीणमाता है।

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  7. घसाय माता टोकरवासा समाज की माता का स्थान कहाँ पर है।
    और बथरा समाज की कलदेवी का विवरण इस लिस्ट में नहीं है। कृपा वो भी बताए।

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  8. झझोता गोत्र की जानकारी नही है ।

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  9. पाटोदीया गोत की कुल देवी का नाम बतावे

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  10. कापड़ी गौत्र की कुलदेवी का मंदिर कहाँ हैं

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  11. बस्सीवाल गोत्र की कुल देवी मां ईश्वरी का स्थान (मंदिर )कहा है ।कृपया बताने का कष्ट करे ।

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  12. पाटोदिया गोत्र की कुलदेवी का नाम बताएं और स्थान

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  13. Aapke dwara bahut acha karya kiya ja raha hai kripya ek request aur hai vijayvargiya samaj me gotra k kul bharaiv aur kul devta ki bhi jankari dene ka kast kare

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  14. मारोठिया गोत्र की कुलदेवी आशापुरा माँ का मंदिर या स्थान कहाँ हैं ,जानकारी दें।

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  15. चावंड माता का मंदिर कंहा है, कृपया पूर्ण विवरण दें।

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  16. चौधरी गौत्र वालो की कुलदेवी का मंदिर कहां पर हैं, कृपया जानकारी देने का कष्ट करें।

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  17. राता देवी/राणा देविमाता का मंदिर कहा पर है इसकी जानकारी अवगत कराएं

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  18. परवा गोत्र की कुल देवी माता का मंदिर सिदरा निवाई में है या मऊ मांगरोल में है

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  19. परवाह गोत्र की कुलदेवी माता का स्थान निवाई के पास sidra में है क्या या और कहीं है कृपया बताएं धन्यवाद

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  20. मारोठिया समाज की कुलदेवी कोनसीदेवी है धन्यवाद

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    • राजोरिया गोत्र की कुलदेवी अंतहरे माता (आतड माता) जयपुर के पास चोमु मे है

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  21. Kansali Mata ka mandir kanha hai कांसली माता मंदिर कंहाहै

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  22. पाटोदिया गोत्र जो कि विजयवर्गीय समाज का एक प्रमुख गोत्र है, उनकी कुलदेवी चामुंडा माता है, जो कि जोधपुर में स्थित है। कृपया इसे भी लिस्ट में जोडे।

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