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Gotra, Kuldevi of Saraswat Brahmin Community सारस्वत समाज की कुलदेवियाँ

सारस्वत ब्राह्मण भारत की पश्चिमी तटीय क्षेत्रों, जैसे महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक राज्यों में वस्तुनिष्ठ रूप से निवास करने वाले ब्राह्मणों की एक समुदाय हैं। वे प्राचीन सरस्वती नदी घाटी सभ्यता के वंशज माने जाते हैं और भारत की सबसे पुरानी ब्राह्मण समुदायों में से एक हैं।

सारस्वत ब्राह्मण भूगोलीय स्थान, व्यवसाय और रीति-रिवाजों के आधार पर कई उपजातियों और उप-समूहों में विभाजित हैं। कुछ प्रमुख उप-जातियों में गौड़ सारस्वत ब्राह्मण, चित्रपुर सारस्वत ब्राह्मण, राजापुर सारस्वत ब्राह्मण और कुड़ळदेशकर गौड़ ब्राह्मण शामिल हैं।

सारस्वत ब्राह्मण समाज भारत के हिन्दू ब्राह्मण समाज का समुदाय है जो अपनी उत्पत्ति ऋग्वैदिक सरस्वती नदी के तट पर मानते हैं।  यह समाज पंचगौड़ ब्राह्मण समाजों में से एक है। इस समाज के अतिरिक्त पंचगौड़ ब्राह्मणों में अन्य चार ब्राह्मण समाज हैं -गौड़, कान्यकुब्ज, मैथिल और उत्कल।

कल्हण की ‘राजतरंगिणी’ में, सारस्वत ब्राह्मणों का उल्लेख विंध्य के उत्तर में रहने वाले पंचगौड़ ब्राह्मण समुदायों में से एक के रूप में किया गया है।

सारस्वत ब्राह्मण समाज की उत्पत्ति : 

सारस्वत समाज का आदिपुरुष सरस जी महाराज को माना जाता है। इनका जन्म लुद्रजी की सातवी पीढ़ी में हुआ था। लुद्रजी जैसलमेर में लुद्रवा रियासत के राजा जयसिंह के मार्गदर्शक थे। मान्यता है कि वि.स. 933 में आषाढ़ मास कीअमावस्या को सूर्य ग्रहण का संयोग बना। इस दिन राजा ने लुद्रजी को दान देना चाहा तो उन्होंने दान लेने से मना कर दिया। परिणामस्वरूप राजा ने लुद्रजी को अपने राज्य से निर्वासित कर दिया। लुद्रजी ने वि.स. 934 में पौड़ी गढ़वाल के पास लुद्रगढ़ बसाया और वहीं निवास करने लगे | इन्ही लुद्रजी की सातवीं  पीढ़ी में सरस जी का जन्म हुआ। इन्हीं सरसजी के वंशज सारस्वत कहलाये। 

सारस्वत ब्राह्मणों का इतिहास

सारस्वत ब्राह्मणों का इतिहास वेदिक काल से शुरू होता है, जब उन्हें ऋषि या दर्शक के रूप में जाना जाता था। वे हिंदू धर्म के प्राचीन शास्त्र वेदों के ज्ञान के लिए उच्च सम्मान पाते थे और धार्मिक अनुष्ठान और रीति-रिवाजों का जिम्मा था।

सारस्वत ब्राह्मणों का मूल निवास स्थान सरस्वती नदी के घाटी था, जहां से वे पश्चिमी भारत की तटीय क्षेत्रों में आए और एक प्रतिष्ठित समुदाय के रूप में स्थापित हुए। इनकी पूर्ण विस्तार की तारीख स्पष्ट नहीं है, लेकिन उनके पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में वास करने का अनुमान 2000 BCE के आसपास लगाया जाता है। भारतीय सभ्यता के विकास में सारस्वत ब्राह्मणों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान हुआ। वे कला, साहित्य और संस्कृति के प्रोत्साहक थे और भारतीय सभ्यता के विकास में अहम भूमिका निभाते रहे। सारस्वत ब्राह्मणों को इतिहास के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें विदेशी शासकों द्वारा आक्रमण और पुर्तगाली शासनकाल में उन्हें उत्पीड़ित किया जाता था। इन चुनौतियों के बावजूद, वे अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों को संरक्षित रखने में सक्षम रहे और आज भी एक समूह के रूप में सफलतापूर्वक आत्मनिर्भर हैं।

Kuldevi List of Saraswat Brahmin Samaj | सारस्वत समाज के गोत्र एवं कुलदेवियां

Gotra wise Kuldevi List of Saraswat Brahmin Samaj  : सारस्वत समाज  की गोत्र के अनुसार कुलदेवियों का विवरण इस प्रकार है –   

सं.कुलदेवीउपासक नख/ खांप (सामाजिक गोत्र) (Gotra of Saraswat Brahmin Samaj)

1.

आशावरी माताढीलीवाल।

2.

अर्णोलीमातावालमीक।

3.

कनसूरी मातापटणी।

4.

कालिकामातादीक्षित।

5.

करणोला माताबावा।

6.

कर्णेश्वरी माताधम्मू, पालीवाल।

7.

कजली माताकांथड्या।

8.

कामाक्षा माताकुकड़ा भानोत।

9.

चतुर्भुजा मातारत्नपाल, टिमटिमा।

10.

चण्डिका माताकूरबिलाव।

11.

चामुण्डा माताघोमंच, जांगलवा, अवस्थी, काहल, जयचंद, तंवालवा, नवला, पण्डित, हुंडावण, सोदका, भेहाणी।

12.

ज्वालामुखी माता आजर्डा, छकड़ा, जासू, डोडिया, मोठ, शारदा, हयताजा, मोतिया।

13.

जीणमातासिन्धुवेग।

14.

 नवदुर्गा माताकोडका।

15.

बटवासिनी माताबीजल, दंद्राणी, शाण्डिल्य।

16.

बीजासणी मातामालिया, लुद्रेवा, सारसवा।

17.

ब्रह्माणी माताकेलवाड़ा, ढिल्लीवाल, भटनेरी, रैण्या, कोडूका, दुबे।

18.

भद्रकाली मातागुडगीला, गुरावा, पाण्डया, कुरल, चित्रचोट, लीलाडिय़ा, शीली, भूरला, राखसा, क्रियाएत, भडिय़ा, गंगवाल, सिरसीवाल।

19.

भटियानी माताझींगरन, टण्डन।

20.

मनसा मातागुसाई।

21.

महाकाली मातामोठ्या।

22.

संचायमातागीतावण्या, तावणिया, पवर, लखनपाल।

जिन कुलदेवियों व गोत्रों के नाम इस विवरण में नहीं हैं उन्हें शामिल करने हेतु नीचे दिए कमेण्ट बॉक्स में  विवरण आमन्त्रित है। (गोत्र : कुलदेवी का नाम )। इस Page पर कृपया इसी समाज से जुड़े विवरण लिखें।

76 thoughts on “Gotra, Kuldevi of Saraswat Brahmin Community सारस्वत समाज की कुलदेवियाँ”

    • सारस्वत ब्राह्मणों में एक गौत्र कण्व ऋषि भी है। मुझे मेरे कुल देवी या कुल देवता की जानकारी नहीं है। मुझे मेरे कुल देवी या कुल देवता कौन है बताने का कष्ट करें।

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  1. We are saraswat brahmin from Rajasthan ( Arya Joshi ) Bharadwaj Gotra,we are not knowing our kuldevi place, Can you please help me out in finding the same.

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  2. my gotra is saamrayan ( bada paliwal ) i am not knowing our kuldevi and where his place. so can you please help me.

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  3. My kuldevi is bhadra kali mata but i don’t know where is the goddess temple please help me to locate it . My gotra is swarkha.

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    • I found in an internet, vats gotra has kuldevi, Tarini devi. I am Odia, surname Nayak, Brahmin, goyra vats. I did not know before my Kuldevi. Now, I got it. Tarini temples are in Odisha. Do you have Tarini temples in Punjab?

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    • आप जेतली हैं आपके पूर्वज कहाँ के थे कृपया बताएं मैं भी जेतली हूँ आपकी कुलदेवी के लिए सहायता क्र सकता हूँ
      मेरा ई-मेल – [email protected] है आप सम्पर्क करें

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  4. Sir / mem mera 1 saraswat grop he jisme only saraswat hi hee contact number 8233374440
    is me saraswat samaj ki new our khash bate hi send ki jati he is Liy roajana new s chahiy

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  5. हमारा गोत्र “LAHRIA”.लहरिया है, कुलदेवी बेलोन वाली माता हे। ये आपकी लिस्ट में नहीं हे। कृपया शामिल करें।

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  6. हमारा गोत्र पाराशर है व हम सारस्वत ब्राह्मण है उत्तर प्रदेश के | वर्तमान में अजमेर में निवास कर रहे है |
    हमारी कुलदेवी अम्बा माता आबूरोड है उनके बारे में कोई विवरण मौजूद नही है
    कृपया जानकारी उपलब्ध कराये |
    धन्यवाद

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  7. सारस्वत तुगनायत ब्राह्मण गौत्र कर्ण की कुलदेवी कौनसी है और उनका स्थान कहाँ है कृपया बताने की कृपा करें

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  8. गोत्र – सेंगर
    सारस्वत ब्राह्मण
    कुलदेवी, देवता और इनके वंशज के विषय में जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें, यदि संभव हो सके

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  9. सारस्वत ब्राह्मणों में कौशल गोत्र की कुल देवी कौन है

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  10. My surname is GABA.. I M A SINDHI.. I DO NOT KNOW MY GOTRA OR KULDEVI/ KULDEVTA… NOBODY IN MY FAMILY KNOWS.. KINDLY HELP ME..

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    • you are ARORA BY CASTE AND YOUR gotra is kashyap. gaba are also in punjab too. ARORKOT IS THE LAND OF ARORA IN SINDH..but best of my knowledge you are not bhramin

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  11. sarshwat Brahmin …atak ratneshwar ………gotra atri rushi ….kul Devi ….ambika mataji …..is gotra ki jankari chahiye … pls muje send karna ….09979919593

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  12. Our gotra KAPIL saraswat brahmin belong to Punjab our kul Devi chintpurni devi (chinnmastika dham) himachal, near hoshiar pur p.b hey but not mentioned in your list

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  13. My name is MUKESH Sharda.Saraswat Brahmin.From.Sham Chauraasi village.District.Hoshiarpur.Pl help to tell my Kulldevi name and place.

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  14. Mai Baijnath saarswat Punjabi Brahman Pakistan Lahore ki chuhni tehsil usse pehle Punjab me Jalandhar k pass gaaon ththha tibba gaaon k itihaas Ko jaanta hoon or hmaara gotra kplaksh hai sb gotra palan hai ISS se pehle hmaare poorvaj khaan k rehne ਵਾਲੇ the isle baare me Jaan na hai aur hmaari kuldevi k baare me Jaan na hai

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  15. जय सियाराम जी की
    हमारा गौत्र कपिलक्षय है हमें पता नहीं है कि हमारी कुल देवी कौन है कृपया मेरा what’s no 7988615876 पर बताया जाय

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  16. गौत्र वत्स,उपाधि प्रभाकर
    कुल देवी 3 है लेकिन अभी नहीं मालुम

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      • मेरा नाम संध्या शर्मा है में गुरसाराय यूपी से हुँ मेरा गोत्र वसेरया है मेरी कोन सी कुल देवी है में सारस्वत ब्रह्मभट्ट ब्रहमन हुँ

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  17. गाडूणीया गोत्र नहीं है
    कुलदेवी बिजासन माता जी हैं

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  18. SARASWAT BRAHMIN …
    KULDEVI JWALA MATA JI HAI
    LEKIN HAMARA GOTRA NAHI HAI ISME
    HAMARA GOTRA HAI ..MUDIYA OJHA .. KRIPYA KARKE ISE JODNE KI KRIPA KARE

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  19. My Details are
    Gotra:Kashyap
    Caste:Dogra (Lalotre Brahmin)
    Orignated Place:Duggar (Jammu)
    Can you please share details of my Gotra Kuldevi

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