जोधा राठौड़ वंश का इतिहास, परिचय व ठिकाने | Jodha Rathore Vansh History in Hindi

Jodha Rathore Vansh History in Hindi : राव रिड़मल के पुत्र जोधा के वंशज जोधा राठौड़ कहलाये। राव जोधा जी का जन्म २८ मार्च, १४१६, तदनुसार भादवा बदी 8 सं. 1472 में हुआ था। इनके पिता राव रणमल मारवाड़ के शासक थे। इन्हें जोधपुर शहर की स्थापना के लिए जाना जाता है। इन्होंने ही जोधपुर का मेहरानगढ़ दुर्ग बनवाया था।

जोधा राठौड़ों की निम्न खांपें हैं-

Table of Contents

1. बरसिंहोत जोधा :-

जोधा की सोनगरी रानी के पुत्र बरसिंह के वंशज बरसिंहोत जोधा कहलाये। बरसिंह अपने भाई दूदा के साथ मेड़ते रहे। परन्तु मुसलमानों ने उन्हें मेड़ते से निकाल दिया। मालवा में झबुवा बरसिंहोत जोधा राठौड़ों का राज्य था। (बीकानेर राज्य का इतिहास प्रथम खण्ड ओझा पृ. 83)

2. रामावत जोधा :-

जोधपुर के शासक जोधा के बाद क्रमशः बरसिंह आसकर्ण के पौत्र रामसिंह ने बांसवाड़ा की गद्दी के लिए चौहानों और राठौड़ों के बीच युद्ध (वि. 1688) में वीरता दिखाई तथा वीरगति को प्राप्त हुए। रामसिंह के तरह पुत्र थे जो रामावत राठौड़ कहलाये। (बांसवाड़ा राज्य का इतिहास, ओझा पृ. 229) रामसिंह के तीसरे पुत्र जसवंतसिंह के ज्येष्ठ पुत्र अमरसिंह को साथ गांवों सहित खेड़ा की जागीर मिली तो रतलाम राज्य में था। यह अंग्रेजी सरकार द्वारा कुशलगढ़ बांसवाड़ा के नीचे कर दिया गया। वि. सं. 1926 में कुशलगढ़ बांसवाड़ा के नीचे कर दिया गया।

3. भारमलोत जोधा :-

जोधा की हूलणी के पुत्र भारमल के वंशज भारमलोत जोधा कहलाये। इनके वंशज झाबुवा राज्य में निवास करते हैं (क्ष. जा. सू. पृ. 27)

4. शिवराजोत जोधा :-

जोधा की बघेली रानी पुत्र शिवराज के वंशज शिवराजोत जोधा कहलाये। (क्ष. जा. सू. पृ. 27 बी. इ. प्र. भाग पृ. 84)

5. रायपालोत जोधा :-

जोधा को भटियाणी राणी के पुत्र रायपाल के वंशज रायपालोत जोधा कहलाये।

6. करमसोत जोधा :-

 भटियाणी राणी के पुत्र कर्मसी के वंशज करमसोत जोधा कहलाये। खींवसर (26 गांव) बड़ा ठिकाना था। इसके अतिरिक्त भोजावास, धरणी, पांचोडी, बागणवाडो, सांढिको, आचीणे, हमीराणो, देऊ, गोवणा, टालो मांडपुरी, चटालियो, सोयला, नागड़ी, खारी, भदवासी, गिरावड़ी, हरीमो, जीवास, सीगड़, कादरपुरा, थलाजू, बह, आसरनडो, उस्तरां, सांवतकुआ, अमरलाई, रंगीलो, सिराणो, छगाड़ो, सोमड़ावास, गीगालो, राजुवास, जाखणियो, बालवो, डावरो, बाहारो वडो आदि एक एक गांव के ठिकाने थे। बीकानेर राज्य में रायसर, बकसेउ नोखा आदि ठिकाने थे।

7. बणवीरोत जोधा :-

जोधा की भटियाणी राणी के पुत्र बणवीर के वंशज वणवीरोत जोधा कहलाये।

8. खंगारोत जोधा :-

राव जोधा के पुत्र जोगा के पुत्र खंगार हुए। इसी खंगार के वंशज खंगारोत जोधा कहलाये। खारियो, पुनास, जालसू बड़ी, डाहोली, खारी और छापली इनके एक एक गांव के ठिकाने थे।

9. नरावत :-

सूजा के बेटे नरा के वंशज। भड़ाणो, बासुरी, बुहू, कसूबी बधणसर, आदि इनके ठिकाने थे।

10. सांगावत :-

सूजा के पुत्र सांगा के वंशज।

11. प्रतापदासोत :-

सूजा के पुत्र प्रतापदास के वंशज।

12. देवीदासोत :-

सूजा के पुत्र देवीदास के वंशज।

13. सिखावत :-

सूजा के पुत्र सिखा के वंशज।

14. नापावत :-

सूजा के पुत्र नापा के वंशज।

15. बाघावत जोधा :-

रिणमलजी मण्डौर के पुत्र राव जोधा राठौड़ कहलाये। जोधाजी की मृत्यु के बाद बड़े पुत्र सांतल की मृत्यु वि. सं. 1549 ई. सं. 1492 में होने पर जोधाजी के दूसरे पुत्र सूजा गद्दी पर बैठे। सूजाजी के पुत्र बाघाजी वि. सं. 1567 में सोजत की चढ़ाई में काम आये। (राजपुताना इतिहास प्रथम भाग गोपीनाथ पृ. 310) इसी बाघा के वंशज बाघावत राठौड़ कहलाते हैं। (मारवाड़ परगाना वि. भाग 3 पृ. 508) मारवाड़ में बाघावत जोधाओं का मुख्य ठिकाना पहाड़पुरा था। इसके अलावा आरण और सिकारपुरा एक एक गांव के ठिकाने थे।

16. प्रतापसिंहोत जोधा :-

सूजा के पुत्र प्रतापसिंह के वंशज।

17. गांगावत जोधा राठौड़ :-

जोधपुर के राव सूजा के पश्चात बाघा के पुत्र और सूजा के पौत्र गंगा गद्दी पर बैठे। इसी गांगा के वंशज गांगावत जोधा कहलाये। मारवाड़ में गांगावत जोधाओं के कालिजाड़, हेजावास, साली आदि एक एक गांव के ठिकाने थे।

18. किशनावत जोधा :-

गांगा के पुत्र किशनसिंह के वंशज किशनावत जोधा भी कहलाते हैं। (क्ष. जा. सू. पृ. 28)

19. रामोत जोधा :-

गांगा के पुत्र राव मालदेव जोधपुर के शासक थे। इनके पुत्र राम के वंशज रामोत जोधा कहलाये। मारवाड़ में पावा इनका मुख्य ठिकाना था। इनका वर्णन अमझेरा राज्य के अनार्गत कर दिया गया।

20. केशोदासोत :-

राम के पुत्र केशोदास के वंशज केशोदास जोधा भी कहलाते हैं। (क्ष. जा. सू. पृ. 28)

21. चन्द्रसेणोत जोधा :-

राव मालदेव जोधपुर के पुत्र चन्द्रसेन का जन्म 1598 वि. में हुआ। मालदेव के पश्चात वि. सं. 1619 में गद्दी पर बैठे। राणा प्रताप की तरह उन्होंने भी अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की। इस कारण जोधपुर का राज्य अकबर ने इनके भाई उदयसिंह को दे दिया था। इन्हीं चन्द्रसेन के वंशज चन्द्रसेणोत जोधा कहलाये। भिनाय, बांधनवाड़ा, देवलिया, बडली, करोठ, देवगढ़बघेरा इनके ठिकाने तथा पालड़ी, नीबड़ी कोठारिया, छापड़ा, डिकावो, पावटा इनके एक एक गांव के ठिकाने थे।

22. रतनसिंहोत जोधा :-

जोधपुर के राव गांगा के पुत्र रतनसिंह के वंशज रतनसिंहोत जोधा कहलाते हैं। भाद्राजूण (11 गांवों का ठिकाना) बीजल (तीन गांव) इनके मुख्य ठिकाने थे।

23. महेशदासोत जोधा :-

राव मालदेव के पुत्र महेशदास के वंशज महेशदासोत जोधा कहलाये। पाटोदी (3 गांव) केसवाणा (2 गांव) नेवरी (2 गांव) आदि मुख्य ठिकाने थे। तथा सिरथलो, फलसूंड, नागाणी, नेहवाई, सांई, सीख एक एक गांव के ठिकाने थे।

24. भोजराजोत जोधा :-

राव मालदेव के पुत्र भोजराज के वंशज भोजराजोत जोधा कहलाये। भगासणी इनका एक गांव का ठिकाना था।

25. अभैराजोत जोधा :-

राव मालदेव के पुत्र रायमल के पुत्र कनोराम के पुत्र अभैराजोत जोधा कहलाये। अभैराजोत जोधाओं का मुख्य ठिकाना नीबी (11 गांवों का ठिकाना) था। हुडावास, बोसणी डावरीयोणी दो दो गांव के ठिकाने तथा खारठियो, दताऊ, चक, देवडाटी एक एक गांव के ठिकाने थे।

26. केसरीसिंहोत जोधा :-

राव मालदेव के पुत्र रायमल के पुत्र कल्याणदास के नरसिंहदास हुए। नरसिंहदास के पुत्र केसरीसिंह के वंशज केसरीसिंहोत जोधा कहलाये। लाडणू (छः गांव) सीगरावाट (तीन गांव) लेहड़ी (पांचा गांव) गोराऊ (तीन गांव) मामडोदा (दो गांव) तूबरो (दो गांव) सेतो (दो गांव) खारड़िया (दो गांव) कुसबी जाखड़ा अंगरोटियो आदि मुख्य ठिकाने और एक एक गांव के करीब 40 ठिकाने थे।

27. बिहारीदासोत जोधा :-

मालदेव जोधपुर के पौत्र कल्याणदास के पुत्र ईश्वरदास के पुत्र बिहारीदास के वंशज बिहारीदासोत जोधा कहलाते है। मारवाड़ में रोहिसी तथा मुडियासरी एक एक गांव के ठिकाने थे।

28. करभसेनोत :-

मालदेव के पौत्र उग्रसेन चन्द्रसेनोत के पुत्र कमरसेन के वंशज करभसेनोत जोधा हुए। भिणाय इनका ठिकाना था।

29. भानौत जोधा :-

मालदेव के पुत्र भानजी के वंशज।

30. डूंगरोत जोधा :-

मालदेव के पुत्र डूंगरसी के वंशज।

31. गोयन्ददासोत जोधा :-

बादशाह अकबर ने चन्द्रसेन द्वारा अधीनता स्वीकार नहीं करने पर उनके छोटे भाई उदयसिंह को जोधपुर का राज्य दे दिया। इन्हीं उदयसिंह के पुत्र भगवानदास के पुत्र गोयन्ददास हुए। इन्हीं के वंशज गोयन्ददास जोधा हुए। इनके मुख्य ठिकाने खेरवे (10 गांव) बाबरो (6 गांव) बलाड़ो (दो गांव) थे।

32. जयतसिंहोत जोधा :-

मालदेव के पुत्र उदयसिंह के पुत्र जयतसिंह के वंशज।

33. माधोदासोत :-

उदयसिंह के पुत्र माधोदास के वंशज हैं। पीसांगन, महरूँ, जून्या, पारा, गोविंदगढ़ आदि इनके ठिकाने थे।

34. सकतसिंहोत :-

मोटे राजा उदयसिंह के पुत्र सकतसिंह के वंशज सकतसिंहोत जोधा कहलाये। इनका मुख्य ठिकाना खरवा व किशनगढ़ राज्य में रघुनाथपुरा एक ठिकाना था। राव गोपालसिंह खरवा भारतीय स्वाधीनता संग्राम में ख्याति प्राप्त क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे।

35. किशनसिंहोत जोधा :-

उदयसिंह के पुत्र किशनसिंह ने नवीन राज्य किशनगढ़ की स्थापना की। इनके वंशज किशनसिंहोत जोधा कहलाते है। रलावता, फतेहगढ़, ढंसूक, करकेड़ी इन्हीं के ठिकाने थे।

36. नरहरदासोत :-

उदयसिंह के पुत्र नरहरदास के वंशज। नदणी, नरवर, भदूण इनके ठिकाने थे।

37. गोपालदासोत जोधा :-

मोटे राजा उदयसिंह जोधा के पुत्र भगवानदास के पुत्र गोपालदास के वंशधर गोपालदासोत जोधा कहलाते है। तोलासर, मालावासणी, खातोलाई इनके एक एक गांव के ठिकाने थे।

38. जगन्नाथ जोधा :-

उदयसिंह (जोधपुर) के पुत्र नरहरदास के पुत्र जगन्नाथ के वंशज जगन्नाथोत जोधा कहलाते हैं। मेड़ता के पास मोरेरा इनका ठिकाना था।

39. रतनसिंहोत जोधा :-

मोटे राजा उदयसिंह के बाद क्रमशः दलपतसिंह, महेशदास, रतनसिंह हुए। रतनसिंह ने मालवा में रतलाम राज्य की स्थापना की। रतनसिंह अपने समय के ख्याति प्राप्त योद्धा हुए। धरमत (1658 ई.) के युद्ध में अपने मुखिया जसवंतसिंह को जोधपुर भेजकर युद्ध में सेना का संचालन किया और युद्ध में वीरता प्रदर्शित करते हुए सच्चे क्षत्रिय की भांति वीरगति पाई। इन्हीं रतनसिंह के वंशज रतनसिंहोत जोधा हैं इनके पांचवे वंशज केशवदास ने सीतामऊ राज्य की स्थापना की। महाराज रामसिंह के पुत्र डा. रघुवीरसिंहजी देश की ख्याति प्राप्त इतिहासकारों में माने जाते थे। सीतामऊ के राजा मानसिंह के छोटे भाई जयसिंह ने सैलाना राज्य की स्थापना की थी। मालवा में काछी बड़ोजा, मुल्तान, अमलेटा, जड़वास, सेमालिया, बड़वास, पतलासी आदि इनके ठिकाने थे।

40. कल्याणदासोत जोधा :-

रतनसिंह के कल्याणदासजी के वंशज कल्याणदासोत जोधा कहलाते हैं। जालणियासर, आकोडो, जाणेवो इनके एक एक गांव के ठिकाने थे। मालवा में मोरिया खेड़ी (सीतामऊ राज्य) टोलखेड़ी (जावरा राज्य) तथा कोटा राज्य में बाराबड़ोद इनके ठिकाने थे।

41. फतहसिंहोत जोधा :-

रतनसिंह रतलाम के छोटे भाई फतहसिंह ने धरमत के युद्ध में वीरगति पाई। इनके वंशज फतहसिंह जोधा कहलाते हैं। धार के पास इनके दो ठिकाने पाना व कोद विड़वाल थे और ग्वालियर राज्य में पचलाना और रूणिजा इनके ठिकाने थे तथा बोरखेड़ा, सरसी, केरवासा, सादाखेड़ी (जावरा) इनके ठिकाने थे।

42. जैतसिंहोत जोधा :-

मोटे राजा उदयसिंह के पुत्र जैतसिंह के वंशज जैतसिंहोत जोधा कहलाये। इनके जैतगढ़ मेवाड़िया (अजमेर प्रान्त) खैरवा, नोखा (मेड़ता) कणमोर, मोरण आदि ठिकाने थे।

43. रतनोत जोधा :-

मोटे राजा उदयसिंह के पौत्र हरिसिंह जैतसिंहोत के एक पुत्र रतनसिंह के वंशज रतनोत जोधा कहलाये। मारवाड़ में इनके मुख्य ठिकानों में दुगोली ख़ास (6 गांव) लोहोतो (तीन गांव) पठाना रो बास (दो गांव) थे। करीब 15 एक एक गांव के ठिकाने थे।

44. अमरसिंहोत जोधा :-

मोटे राजा उदयसिंह के बाद जोधपुर राज्य की गद्दी पर क्रमशः सूरसिंह व गजसिंह बैठे। अमरसिंह गजसिंह के बड़े पुत्र थे। गजसिंह ने छोटे पुत्र जसवंतसिंह का उत्तराधिकारी बना दिया था। इस कारण अमरसिंह नाराज होकर शाहजहां के पास चले गए। शाहजहां ने अमरसिंह को बड़ौदा, झलान, सांगोद आदि  परगने जागीर में देकर मनसबदार बना लिया था। अमरसिंह ने वहां कई युद्धों में भाग लिया। नागौर भी उनके अधिकार में थे। मतीरा की राड़ से अमरसिंह और बीकानेर नरेश में बिगड़ गई। शाहजहां के दरबार में बीकानेर का पक्ष लेने के कारण सलावतखां को 1701 वि. में दरबार में ही मार डाला और स्वयं भी बिठलदास गौड़ के पुत्र अर्जुन व अन्य व्यक्तयों  गए। वीरता के इतिहास में अमरसिंह का नाम प्रसिद्ध है। अमरसिंह के ख्याल राजस्थान में गांवों गावों में गाये जाते हैं। इन्हीं अमरसिंह के वंशज अमरसिंहोत जोधा कहलाते हैं। गांव सेवा इनका मुख्य ठिकाना था।

45. आनंदसिंहोत जोधा :-

जसवंतसिंह जोधपुर के पुत्र अजीतसिंह के पुत्र आनंदसिंह थे। इनके वंशज आनंदसिंहोत जोधा कहलाये। ईडर इनका राज्य था।

जोधा राठौड़ वंश की कुलदेवी :-

मूल राठौड़ वंश होने से इस वंश की कुलदेवी पंखिनी/नागणेचिया माता है। नागणेचिया माता के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए Click करें >

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20 thoughts on “जोधा राठौड़ वंश का इतिहास, परिचय व ठिकाने | Jodha Rathore Vansh History in Hindi”

  1. हम जोधा राठौर शान्डिल्य गोत्र मध्य प्रदेश होते हुए मांडा (प्रयागराज) गाज़ीपुर,बलिया पहुच गए कृपया हम राजिस्थान सेकहाँ से जुडे हैं हमारी कोई जानकारी हो तो बताएं

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  2. Ramot jodha ka ap na marwar ka pawa thikana bataya is ma to Vikram samvat 1840 ka as pass tak to shindal Rathore tha jodha rathore ko kon se raja dwara kis do diya gaya. Is bara ma please thoda bataya.

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    • सिंधल राठौड़ो का पावा पर आधिपत्य 1730 विक्रमी तक ही रहा था

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      • Hokam raoji ki Bai ka anusar Vikram samvat 1840 ko viramdev ji jodha ko pawa inayat man singhji dwara kiya gaya tha

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  3. 1. Bhopapot Jodha
    Bhopat ji vanshaj bhopapot kahalaye, narayan, bhadun karishangagh rajay mein
    2. Yashwantsinhot Jodha
    Yashwant singh ji ke vanshaj yashwantsinhot jodha kahalaye
    3. shyamsinhot Jodha
    Rao Shyam singh ke vanshaj
    4. Mohandasot Jodha
    Mohandas ji ve vanshaj

    5. Dalpatot Jodha
    Dalpat ji ka bade raja Udaisingh (Jodhpur) ke chothe(4) putra dalpat ji ke vanshaj dalpatop jodha kahalaye
    6. Manruy Jodha
    Maan – Yashwantot ka

    Shabhi ko add kro please

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  4. Hum bhopapot Jodha hai Bhopat ji ke vanshaj purana thikana kekri(Ajmer) hai please add kro or kuchh jankari ho to bataye

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  5. मै नरावत राठौङ हूँ हुक्म।
    नरावत राठौङ राव जोधा जी मारवाड़ के पोते तथा राव साथलजी के दतक पुत्र की सन्तान हैं व फलौदी व पोकरण मे स्वतंत्र राज भी की व अकबर के आगरा के भरे दरबार मे उसके विशेष व्यक्ति की हत्या कर थी।पुरोहित जी के कहने पोकरण का राज दिया था।
    राव सुजा जी के कहने पर मारवाड़ का राज इनायात की या था । इत्यादि। ।
    हमारा भी इतिहास की जानकारी भी लिखो हुक्म। ।

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  6. Jay Mataji, Jay Sitaram,
    Meri surname ramavat he hum mul Rajasthan ke he bhot salo se Gujarat me aake bas gye mere 7 vi pidhi me hum rathore the mere par dada ka name nathisinh rathore tha…. Hmare yha barot jo vansavli rkhte he unme se ek khte he kuldevi chamunda mata he ek khte he kuldevi ashapura mata he.. mere par dada Nathusinhji ko Diksha Hathisinh ji chauhan ne di thi unki kuldevi Aasapura ma he.. Hathisinhji rajput the vah sadhu ban gye aur mere par dada nathusinh ji ko diksha di vah bhi sadhu ban gye… Mera question yeh hi ki Hum chamunda ma ko kuldevi mane ya Ashapura mata ko.. bhot logo ka khna he ki kuldevi nhi badalti rathore ki kuldevi hi tumhari kuldevi mata he… Aap muje Jankari dijiye sahi kya galat kya… Kuldevi mata kon he hmari yh aap btaye… Aabhar…Jay mataji

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  7. Very Good Content. Thank you for posting this. How come you are able yo get so much information… It is accurate also….atleast I can confirm for Bhojrajot Jodha.

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  8. jai mataji hkm rao ji ke anusar hame jankari mili he ki ham gagorni thikana teh khilchipur m.p. me ke rathore clone se .please share details of gagorani thikana. so we are grateful to you

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  9. रतन सिंहोत जोधा और भाद्राजून और अन्य ठिकानों से सम्बन्धित जनकारी गलत है

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  10. सर सागतसिंघोत जोधा का खरवा के बाद बड़ा ठिकाणा मालकोसनी व बालासती है कृपया इसे भी मुख्य सूची में जोड़े |

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