नाडौल की आशापूरा देवी / महोदरीमाता “Ashapura Mata- Nadol”

Ashapura Devi Nadol History in Hindi : आशापूरा (Ashapura Mata) शाकम्भरी के चौहान राजवंश की कुलदेवी थी । नैणसी की ख्यात का उल्लेख है कि लाखणसी चौहान को नाडौल का राज्य आशापूरा देवी की कृपा से मिला । तदनन्तर चौहान इसे अपनी कुलदेवी मानने लगे । आशा पूर्ण करने वाली देवी आशापूरा के नाम से … Read more नाडौल की आशापूरा देवी / महोदरीमाता “Ashapura Mata- Nadol”

करौली की कैलादेवी – श्रीकृष्ण की बहिन योगमाया का अवतार “Kaila Devi-Karauli”

Kaila Devi Karauli Story in Hindi : पूर्वी राजस्थान का प्रसिद्ध शक्तिपीठ कैला देवी (Kaila Devi) करौली से लगभग 25 किमी.  की दूरी पर स्थित है । वहाँ त्रिकूट पर्वत की सुरम्य घाटी में बना कैला देवी का भव्य मंदिर अपने शिल्प और स्थापत्य के कारण तो दर्शनीय है ही साथ ही देश के कोने-कोने से आने वाले लाखों … Read more करौली की कैलादेवी – श्रीकृष्ण की बहिन योगमाया का अवतार “Kaila Devi-Karauli”

जगत की अम्बिकामाता “Ambika Mata-Jagat”

Ambika Mata Temple Jagat Udaipur in Hindi : उदयपुर में लगभग 55 की.मी. दक्षिण-पूर्व में अवस्थित जगत गाँव में 10वीं शताब्दी में निर्मित अम्बिकामाता के सुन्दर पर कलात्मक मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थान पुरातत्त्व की दृष्टि से अनुपम स्थान है। जगत गाँव में ईसा की छठी शताब्दी के एक इष्टिका निर्मित शाक्त सम्प्रदाय के प्रसाद से … Read more जगत की अम्बिकामाता “Ambika Mata-Jagat”

दधिसागर मथने वाली “दधिमथीमाता” “Dadhimati Mata”

Dadhimati Mata History in Hindi : नागौर जिले की जायल (Jayal) तहसील में जिला मुख्यालय से लगभग 40 की.मी. उत्तर-पूर्व में दधिमथीमाता (Dadhimati Mata) का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर अवस्थित है। इस मंदिर के आस पास का प्रदेश प्राचीन काल में दधिमथी (दाहिमा) क्षेत्र कहलाता था। उस क्षेत्र से निकले हुए विभिन्न जातियों के लोग, यथा ब्राह्मण,राजपूत,जाट  आदि दाहिमे ब्राह्मण, … Read more दधिसागर मथने वाली “दधिमथीमाता” “Dadhimati Mata”

सकराय माता / शंकरा माता / शक्रा माता “Sakrai Mata”

Sakrai Mata Temple and History in Hindi : सकरायमाता का प्रसिद्ध मंदिर अरावली पर्वतमाला की मालकेतु पर्वत श्रृंखला की एक सुरम्य घाटी में सघन वन के बीच अवस्थित है। वहीं पर सरकरा नाम की एक छोटी सी प्राचीन नदी या झरना बहता है। सकरायमाता मंदिर सकरायमाता का यह मंदिर सीकर से लगभग 60 की.मी. दूर सीकर-उदयपुरवाटी … Read more सकराय माता / शंकरा माता / शक्रा माता “Sakrai Mata”

चूहों का अद्भुत मन्दिर- देशनोक की “करणीमाता” Karni Mata Temple Deshnok Bikaner

करणीमाता (Karni Mata) का प्रसिद्ध मंदिर बीकानेर से लगभग 33 कि.मी. दूर देशनोक (Deshnok) में अवस्थित है। बीकानेर-जोधपुर रेलमार्ग पर पर यह एक छोटा सा रेलवे स्टेशन है। करणी माता के मंदिर के कारण यह स्थान जांगलदेश (बीकानेर और निकटवर्ती क्षेत्र) की नाक या उसकी शान होने के कारण देशनोक कहलाया। बीकानेर के राठौड़ वंश आराध्या : … Read more चूहों का अद्भुत मन्दिर- देशनोक की “करणीमाता” Karni Mata Temple Deshnok Bikaner

भाई-बहन के अटूट प्रेम की प्रतीक “जीणमाता” “Jeen Mata-Sikar”

Jeen Mata History in Hindi : जीणमाता (Jeen Mata) शेखावाटी  अंचल का एक प्रमुख शक्तिपीठ है। शताब्दियों से लोक में इसकी बहुत मान्यता है। जीणमाता का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर सीकर (Sikar) जिले में रेवासा (Rewasa) से लगभग 10 कि.मी. दक्षिण में अरावली पर्वतमालाओं के मध्य स्थित है। साक्ष्यों से पता चलता है कि यह मंदिर मूलतः … Read more भाई-बहन के अटूट प्रेम की प्रतीक “जीणमाता” “Jeen Mata-Sikar”

आम्बेर की शिलादेवी ” Mata Shila Devi- Amber”

Shila Devi Amber History in Hindi : आम्बेर (Amber) की शिलादेवी (Shila Devi) आम्बेर-जयपुर के कछवाहा राजवंश की आराध्य देवी हैं। शिलादेवी अष्टभुजी महिषमर्दिनी की मूर्ति है। इन्हें मुग़ल बादशाह अकबर के सेनानायक आम्बेर के राजा मानसिंह प्रथम लाए थे, जिसे  उन्होनें अपनी राजधानी आम्बेर में प्रतिष्ठापित किया। इस सम्बन्ध में अधिकांश ग्रंथों के अनुसार राजा मानसिंह … Read more आम्बेर की शिलादेवी ” Mata Shila Devi- Amber”

जमवा रामगढ़ की जमवायमाता “Jamwai Mata- Jamwa Ramgarh”

Jamwai Mata – Jamwa Ramgarh History in Hindi : आम्बेर-जयपुर के कछवाहा राजवंश की कुलदेवी जमवाय माता का प्रसिद्ध मंदिर जयपुर से लगभग 33 कि.मी. पूर्व में जमवा रामगढ़ की पर्वतमाला के बीच एक पहाड़ी नाके पर रायसर आंधी जाने वाले मार्ग पर हरी-भरी पहाड़ियों की घाटी में स्थित है।  जमवायमाता के नाम पर ही यह … Read more जमवा रामगढ़ की जमवायमाता “Jamwai Mata- Jamwa Ramgarh”

भीषण अकाल में जन-जन का भरण पोषण करने वाली शाकम्भरी माता

Shakambhari Mata Sambhar Story in Hindi : शाकम्भरी देवी (Shakambhari Mata) का प्राचीन सिद्धपीठ जयपुर जिले के साँभर (Sambhar) क़स्बे में स्थित है। शाकम्भरी माता साँभर की अधिष्ठात्री देवी हैं। साँभर एक प्राचीन कस्बा है जिसका पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्त्विक महत्त्व है। साँभर का शताब्दियों का गौरवशाली इतिहास और अपनी विशेष सांस्कृतिक पहचान रही है। … Read more भीषण अकाल में जन-जन का भरण पोषण करने वाली शाकम्भरी माता

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