Veer Tejaji History in Hindi : वीर तेजाजी की पूजा सर्पों के देवता के रूप में की जाती है । तेजाजी राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रान्तों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। तेजाजी का जन्म धौलिया गौत्र के जाट परिवार में हुआ, तेजाजी के पूर्वज उदयराज (16वीं पीढ़ी) ने मध्य भारत से आकर खडऩाल (खरनाल) पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया। खड़नाल परगने में 24 गांव थे । तेजाजी के दादा बोहितराव बहादुर योद्धा थे। तेजाजी के पिता सरदार ताहरदेव खरनाल के मुखिया थे. ताहरजी के छ: बेटे तेजाजी, राणाजी, गुणाजी, महेशजी, नागजी व रूपजी थे. तथा उनके दो बेटियां राजल व डूंगरी थी. राजल की शादी तबीजी गाँव के जोगजी सियाग से की थी। तेजाजी का जन्म माघ शुक्ला चतुर्दशी सम्वत् 1130 गुरुवार तद्नुसार 29 जनवरी 1074 ई. को तत्कालीन खरनाल परगने में हुआ था ।
![Tejaji Maharaj](https://i0.wp.com/www.missionkuldevi.in/wp-content/uploads/2016/06/Tejaji-Maharaj.jpg?w=900)
तेजाजी के जन्म के बारे में मत है-
जाट वीर धौलिया वंश गांव खरनाल के मांय। आज दिन सुभस भंसे बस्ती फूलां छाय।। शुभ दिन चौदस वार गुरु, शुक्ल माघ पहचान। सहस्र एक सौ तीस में प्रकटे अवतारी ज्ञान।।
तेजाजी ने ग्यारवीं शदी में गायों की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दांव पर लगा दिये थे। उन्होंने अपने आत्म – बलिदान तथा सदाचारी जीवन से अमरत्व प्राप्त किया था। लोकविश्वास है कि इनके नाम की राखी बाँध देने से सर्प-विषाक्रान्त व्यक्ति तुरन्त विष-प्रभाव से छूट जाता है । इनकी स्मृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी को स्थान-स्थान पर भक्त लोग पवाड़ा गाते हैं । अगता रखा जाता है ।
तेजाजी का मंदिर – खरनाल (Tejaji Temple Kharnal)
![Tejaji Maharaj Kharnal](https://i0.wp.com/www.missionkuldevi.in/wp-content/uploads/2016/06/Tejaji-Kharnal.jpg?resize=300%2C192)
![Tejaji Temple Kharnal](https://i0.wp.com/www.missionkuldevi.in/wp-content/uploads/2016/06/Tejaji-Temple-Kharnal.jpg?resize=533%2C400)
तेजाजी का मंदिर – परबतसर (Tejaji Temple – Parbatsar)
![Tejaji Temple Parbatsar](https://i0.wp.com/www.missionkuldevi.in/wp-content/uploads/2016/06/Tejaji-Temple-Parbatsar.jpg?resize=445%2C400)
![Tejaji Temple Parbatsar](https://i0.wp.com/www.missionkuldevi.in/wp-content/uploads/2016/06/Tejaji-Temple-Parbatsar-2.jpg?resize=533%2C400)
पर्वतसर वीर तेजाजी की जन्मभूमि है अतः कुँवर तेजाजी का पर्वोत्सव प्रतिवर्ष पर्वतसर में मनाया जाता है । यहाँ भाद्रपद शुक्ल दशमी से पूर्णिमा पर्यन्त मेला लगता है। उपस्थित नर-नारी वीर तेजाजी का यशगान करते हैं ।