छोटी सादड़ी की भ्रमरमाता / भँवरमाता “Bhanwar Mata-Chhoti Sadri”

Bhanwar Mata / Bhramar Mata Chhoti Sadari Temple History in Hindi : छोटी सादड़ी चित्तौड़गढ़ से लगभग 56 कि . मी. दक्षिण में निम्बाहेड़ा-प्रतापगढ़ मार्ग पर स्थित है  । यह अजमेर-खण्डवा रेलमार्ग पर मध्यप्रदेश के नीमच रेलवे स्टेशन के पास है । इस कस्बे से लगभग 3 की. मी. दूर पर्वतमालाओं  के मध्य भँवरमाता या … Read more छोटी सादड़ी की भ्रमरमाता / भँवरमाता “Bhanwar Mata-Chhoti Sadri”

मून्दल माता / मूंधड़ों की माता /ब्राह्मणी माताः मून्दियाड़ “Mundal Mata- Mundiyad”

Mundal Mata Mundiyad Nagaur Temple History in Hindi : नागौर से २५ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित मून्दियाड़ गांव है। इस गांव को महेश्वरियों ने बसाया था। इस गांव में प्राचीन ब्राह्मणी माता का मन्दिर है। इन्हे मून्दड़ों की माता भी कहते हैं। लाल पत्थरों से निर्मित यह मन्दिर शिल्पकला का अनुपम उदाहरण है। मन्दिर के समीप ही लाल … Read more मून्दल माता / मूंधड़ों की माता /ब्राह्मणी माताः मून्दियाड़ “Mundal Mata- Mundiyad”

वसन्तगढ़ की क्षेमकरीमाता / खीमेलमाता “Khimel Mata- Basantgarh”

Kshemkari Khimel Mata Basantgarh Sirohi Temple  History in Hindi : आबू के पास वसन्तगढ़ एक प्राचीन स्थान है। इसका अपना विशेष ऐतिहासिक महत्व रहा है । सिरोही और मेवाड़ की सीमा पर स्थित यह कस्बा पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है तथा इसके सामरिक महत्व को जानकर राणा कुम्भा ने यहाँ एक सुदृढ़ दुर्ग का निर्माण कराया, जो सम्भवतः … Read more वसन्तगढ़ की क्षेमकरीमाता / खीमेलमाता “Khimel Mata- Basantgarh”

हवा में अधर आबू की अर्बुदादेवी / अधर माता “Arbuda Mata / Adhar Mata”

Arbuda Devi Adhar Mata Temple Story in Hindi : अर्बुदादेवी का प्रसिद्ध मन्दिर राजस्थान के सिरोही जिले में आबू पर्वत में स्थित है । प्राचीन शिलालेखों और साहित्यिक ग्रन्थों में आबू पर्वत को अर्बुदगिरी अथवा अर्बुदांचल कहा गया हैं । अर्बुदादेवी आबू की अधिष्ठात्री देवी हैं । आबू पर्वत शाक्त धर्मका प्रमुख केन्द्र और अर्बुदेश्वरी … Read more हवा में अधर आबू की अर्बुदादेवी / अधर माता “Arbuda Mata / Adhar Mata”

शिव पत्नी सती का मस्तक “बांसवाड़ा की त्रिपुरा सुंदरी ” Tripura Sundari Banswara

Tripura Sundari Mata Banswara Temple History in Hindi : माँ  त्रिपुरा सुन्दरी का प्राचीन और प्रसिद्ध शक्तिपीठ राजस्थान के दक्षिणांचल में वागड प्रदेश (बाँसवाड़ा और डूंगरपुर का निकटवर्ती क्षेत्र) में अवस्थित है। देवी का यह सुविख्यात मन्दिर बाँसवाड़ा से लगभग 19 की.मी.की दूरी पर स्थित है तथा तलवाड़ा से यह लगभग 5 की.मी. दूर है । … Read more शिव पत्नी सती का मस्तक “बांसवाड़ा की त्रिपुरा सुंदरी ” Tripura Sundari Banswara

दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इन्द्रगढ की बीजासणमाता “Bijasan Mata- Indergarh”

Bijasan Mata Indergarh Bundi in Hindi : बीजासणमाता का प्रसिद्ध मन्दिर बूँदी जिले के इन्द्रगढ़ में स्थित है । इन्द्रगढ़ तहसील मुख्यालय होने के साथ ही ऐतिहासिक महत्व का कस्बा है । कोटा – दिल्ली रेलमार्ग पर इन्द्रगढ़ स्टेशन है, जहाँ से पश्चिम दिशा में लगभग 6 – 7 की.मी. पर यह कस्बा बना है … Read more दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इन्द्रगढ की बीजासणमाता “Bijasan Mata- Indergarh”

किणसरिया की कैवायमाता “Kewai Mata- Kinsariya”

Kewai Mata Kinsariya Parbatsar Temple History in Hindi : नागौर जिले के मकराना और परबतसर के बीच त्रिकोण पर परबतसर से 6-7 की. मी. उत्तर-पश्चिम में अरावली पर्वतमाला से परिवेष्टित किणसरिया गाँव है, जहाँ एक विशाल पर्वत श्रंखला की सबसे ऊँची चोटी पर कैवायमाता का बहुत प्राचीन और प्रसिद्ध मन्दिर अवस्थित है । नैणसी के अनुसार किणसरिया … Read more किणसरिया की कैवायमाता “Kewai Mata- Kinsariya”

महिषमर्दिनी का शांत स्वरूप “ओसियाँ की सच्चियायमाता” “Sachchiyay Mata- Osiyan”

Sachchiyay Mata Temple Osiyan History in Hindi : सच्चियाय अथवा सच्चियायमाता (Sachchiyay Mata / Sachiya Mata) का भव्य और प्रसिद्ध मन्दिर जोधपुर से लगभग  60 की.मी. दूर ओसियाँ में स्थित है । ओसियाँ पुरातात्विक महत्व का एक प्राचीन नगर है । इसका प्राचीन नाम उकेश था जिसका अपभ्रंश कालान्तर में ओसियाँ हो गया । ओसियाँ में वैष्णव, शैव, देवी … Read more महिषमर्दिनी का शांत स्वरूप “ओसियाँ की सच्चियायमाता” “Sachchiyay Mata- Osiyan”

नाडौल की आशापूरा देवी / महोदरीमाता “Ashapura Mata- Nadol”

Ashapura Devi Nadol History in Hindi : आशापूरा (Ashapura Mata) शाकम्भरी के चौहान राजवंश की कुलदेवी थी । नैणसी की ख्यात का उल्लेख है कि लाखणसी चौहान को नाडौल का राज्य आशापूरा देवी की कृपा से मिला । तदनन्तर चौहान इसे अपनी कुलदेवी मानने लगे । आशा पूर्ण करने वाली देवी आशापूरा के नाम से … Read more नाडौल की आशापूरा देवी / महोदरीमाता “Ashapura Mata- Nadol”

करौली की कैलादेवी – श्रीकृष्ण की बहिन योगमाया का अवतार “Kaila Devi-Karauli”

Kaila Devi Karauli Story in Hindi : पूर्वी राजस्थान का प्रसिद्ध शक्तिपीठ कैला देवी (Kaila Devi) करौली से लगभग 25 किमी.  की दूरी पर स्थित है । वहाँ त्रिकूट पर्वत की सुरम्य घाटी में बना कैला देवी का भव्य मंदिर अपने शिल्प और स्थापत्य के कारण तो दर्शनीय है ही साथ ही देश के कोने-कोने से आने वाले लाखों … Read more करौली की कैलादेवी – श्रीकृष्ण की बहिन योगमाया का अवतार “Kaila Devi-Karauli”

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