भाई-बहन के अटूट प्रेम की प्रतीक “जीणमाता” “Jeen Mata-Sikar”

Jeen Mata History in Hindi : जीणमाता (Jeen Mata) शेखावाटी  अंचल का एक प्रमुख शक्तिपीठ है। शताब्दियों से लोक में इसकी बहुत मान्यता है। जीणमाता का प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर सीकर (Sikar) जिले में रेवासा (Rewasa) से लगभग 10 कि.मी. दक्षिण में अरावली पर्वतमालाओं के मध्य स्थित है। साक्ष्यों से पता चलता है कि यह मंदिर मूलतः … Read more भाई-बहन के अटूट प्रेम की प्रतीक “जीणमाता” “Jeen Mata-Sikar”

आम्बेर की शिलादेवी ” Mata Shila Devi- Amber”

Shila Devi Amber History in Hindi : आम्बेर (Amber) की शिलादेवी (Shila Devi) आम्बेर-जयपुर के कछवाहा राजवंश की आराध्य देवी हैं। शिलादेवी अष्टभुजी महिषमर्दिनी की मूर्ति है। इन्हें मुग़ल बादशाह अकबर के सेनानायक आम्बेर के राजा मानसिंह प्रथम लाए थे, जिसे  उन्होनें अपनी राजधानी आम्बेर में प्रतिष्ठापित किया। इस सम्बन्ध में अधिकांश ग्रंथों के अनुसार राजा मानसिंह … Read more आम्बेर की शिलादेवी ” Mata Shila Devi- Amber”

जमवा रामगढ़ की जमवायमाता “Jamwai Mata- Jamwa Ramgarh”

Jamwai Mata – Jamwa Ramgarh History in Hindi : आम्बेर-जयपुर के कछवाहा राजवंश की कुलदेवी जमवाय माता का प्रसिद्ध मंदिर जयपुर से लगभग 33 कि.मी. पूर्व में जमवा रामगढ़ की पर्वतमाला के बीच एक पहाड़ी नाके पर रायसर आंधी जाने वाले मार्ग पर हरी-भरी पहाड़ियों की घाटी में स्थित है।  जमवायमाता के नाम पर ही यह … Read more जमवा रामगढ़ की जमवायमाता “Jamwai Mata- Jamwa Ramgarh”

भीषण अकाल में जन-जन का भरण पोषण करने वाली शाकम्भरी माता

Shakambhari Mata Sambhar Story in Hindi : शाकम्भरी देवी (Shakambhari Mata) का प्राचीन सिद्धपीठ जयपुर जिले के साँभर (Sambhar) क़स्बे में स्थित है। शाकम्भरी माता साँभर की अधिष्ठात्री देवी हैं। साँभर एक प्राचीन कस्बा है जिसका पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्त्विक महत्त्व है। साँभर का शताब्दियों का गौरवशाली इतिहास और अपनी विशेष सांस्कृतिक पहचान रही है। … Read more भीषण अकाल में जन-जन का भरण पोषण करने वाली शाकम्भरी माता

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