राजस्थान के 10 प्रसिद्ध देवी मन्दिर, जो कुलदेवियों के रूप में पूजित हैं

10 Famous Devi Temples of Rajasthan in Hindi : आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भारत में देवीपूजा की बहुत मान्यता है। देवी जो शक्ति के रूप में संसार को चलाती है। भारतवर्ष के कोने-कोने में देवियों के मन्दिर स्थापित हैं।  यहाँ राजस्थान के कुछ प्रसिद्ध देवी मंदिरों के बारे में बताया जा रहा है ; ये देवियाँ … Read more राजस्थान के 10 प्रसिद्ध देवी मन्दिर, जो कुलदेवियों के रूप में पूजित हैं

साण्डन / स्यानण की कालिका माता का प्राचीन मन्दिर, सुजानगढ़ चूरू

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राजस्थान के चूरू जिले की सुजानगढ़ तहसील में रतनगढ़-सालासर मार्ग पर सांडण / स्यानण की डूंगरी स्थित है। इस पहाड़ी पर तीन भागों में विभक्त प्राचीन मन्दिर स्थित है। सांडण / स्यानण की काली माता का मन्दिर दसवीं शताब्दी में हर्षनाथ का समकालीन बताया जाता है। दो मन्दिर पहाड़ी पर आमने-सामने पूर्व व पश्चिम की … Read more साण्डन / स्यानण की कालिका माता का प्राचीन मन्दिर, सुजानगढ़ चूरू

कुलदेवी श्री रायमाता गांगियासर – दर्शन, इतिहास व चमत्कार

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रायमाता का मन्दिर राजस्थान के झुंझुनू जिले में बिसाऊ तहसील से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर गांगियासर नामक गाँव में स्थित है। प्रवासी एवं स्थानीय भक्तों का यह उपासना केन्द्र चमत्कारी देवी के रूप में विख्यात है। गांगियासर ग्राम की देवी रायमाता के प्रकटीकरण का इतिहास भी चमत्कारी व रोचक है। रायमाता का इतिहास व … Read more कुलदेवी श्री रायमाता गांगियासर – दर्शन, इतिहास व चमत्कार

कुलदेवी श्री जमवाय माता मन्दिर धामाणा धाम भोड़की झुंझुनू

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राजस्थान में जमवा रामगढ की जमवाय माता के अलावा झुंझुनू जिले के भोड़की गाँव से 2 किलोमीटर दक्षिण दिशा में धामाणा जोहड़ा (तालाब) के किनारे भी जमवाय माता का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यह स्थान धामाणा धाम नाम से लोकविख्यात है। इस मन्दिर का शिखर काफी ऊंचा है और गर्भ-गृह आंगन की सतह से लगभग चार फीट … Read more कुलदेवी श्री जमवाय माता मन्दिर धामाणा धाम भोड़की झुंझुनू

श्री रोयल माताजी सादड़ी – गूंदेचा पुरोहित मादा की कुलदेवी

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पुरोहित समाज के मादा (सादड़ी) गुन्देचा गोत्र की कुलदेवी श्री रोयल माता का मन्दिर राजस्थान के पाली जिले के गाँव सादड़ी में  रणकपुर वाली सड़क पर स्थित है।  इस प्राचीन मन्दिर में क्षेत्र के तथा दूर-दराज से उपासक आकर माँ का दर्शन करते हैं। श्री रोयल माताजी सादड़ी मन्दिर के कुछ चित्र –

Mandore Gardens and Fort Jodhpur | मण्डोर किले में Chamunda Mata

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Mandore Gardens and Fort | Chamunda Mata : जोधपुर की इस यात्रा में हमने पिछले दिन बीसहथ माता तथा मेहरानगढ़ की चामुण्डा माता के दर्शन किये। आज का दिन हमने मण्डोर के gardens देखने के लिए निश्चित किया था। हम सुबह जल्दी ही उठकर मण्डोर के लिए निकल गए। Mandore की यह यात्रा हमारी कुलदेवीधामयात्रा … Read more Mandore Gardens and Fort Jodhpur | मण्डोर किले में Chamunda Mata

Chamunda Mata Mehrangarh Fort Jodhpur | मेहरानगढ़ की चामुण्डामाता तथा किले व जसवंत थड़ा की यात्रा

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Chamunda Mata Mehrangarh Fort Jodhpur Rajasthan:  बीसहथ माता के दर्शन करने के पश्चात् हम (मैं और मेरे पिताजी) मेहरानगढ़ पहुंचे। जोधपुर आने के बाद यदि मेहरानगढ़ नहीं देखा जाता और इस गढ़ में स्थित प्रसिद्ध चामुण्डामाता के दर्शन ना किये जाते तो इस कुलदेवीधाम-यात्रा अभियान में कमी रह जाती तथा जोधपुर का पर्यटन अधूरा रह जाता। शाप, बलिदान … Read more Chamunda Mata Mehrangarh Fort Jodhpur | मेहरानगढ़ की चामुण्डामाता तथा किले व जसवंत थड़ा की यात्रा

ये है चौथ माता का सबसे बड़ा मंदिर : चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर

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Chauth Mata Temple Chauth Ka Barwara Sawai Madhopur : चौथमाता का मन्दिर बरवाड़ा गाँव में एक विशाल और ऊँची पहाड़ी पर स्थित है । जयपुर सवाईमाधोपुर रेलमार्ग पर चौथ का बरवाड़ा एक रेलवे स्टेशन है जिसका नामकरण चौथमाता के मन्दिर के आधार पर हुआ । देवी मन्दिर तक पहुँचने के लिए लगभग 600 सीढियाँ बनी हैं … Read more ये है चौथ माता का सबसे बड़ा मंदिर : चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर

आरासुरी अम्बाजी की श्लोकमय कथा – कुलदेवीकथामाहात्म्य

 ‘कुलदेवीकथामाहात्म्य’  आरासुरी अम्बामाता   इतिहास दिल्ली – अहमदाबाद रेलवे लाइन पर स्थित आबूरोड़ स्टेशन से 21 किलोमीटर दूर आरासुर पर्वत पर अम्बामाता का लोकविख्यात शक्तिपीठ है। अम्बामाता अम्बिकामाता भी कहलाती है। आरासुर पर्वत पर विराजमान होने के कारण ही इन्हें आरासुरी अम्बाजी कहा जाता है। आरासुर पर्वत के सफेद होने के कारण इन्हें ‘धोलागढ़ वाली माता’ … Read more आरासुरी अम्बाजी की श्लोकमय कथा – कुलदेवीकथामाहात्म्य

परमार कालीन है बदनावर का श्री एकवीरा देवी मंदिर

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Ekvira Mata Temple Badnawar  history in Hindi : मध्यप्रदेश में धार जिले के बदनावर में स्थित एकवीरा देवी का मंदिर परमार कालीन है। एकवीरा देवी पांडवों की कुलदेवी मानी जाती है। इतिहासकार एवं पुरातत्ववेत्ता इसे परमारकालीन मानते हैं। लेकिन कुछ लोग इससे भी प्राचीन बताते हैं।  इसके देश भर में दो ही मंदिर हैं। एक … Read more परमार कालीन है बदनावर का श्री एकवीरा देवी मंदिर

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