Dholagarh Devi Temple Alwar

अलवर जिले (Alwar District) में कठूमर (Kathumar) पंचायत समिति में लक्ष्मणगढ़ (Laxmangarh) से लगभग 10 कि.मी. पहले बहतूकला गाँव में एक ऊँचे और विशाल पर्वत शिखर पर धोलागढ़ देवी (Dholagarh Devi) का भव्य मन्दिर स्थित है । देवी का यह प्राचीन मन्दिर जिस पर्वत पर स्थित है वह धोलगिरी (Dholgiri) कहलाता है तथा संभवतः इस … Read more Dholagarh Devi Temple Alwar

आभानेरी की हर्षत माता इतिहास व दर्शन || Harshat mata temple Abhaneri Dausa

हर्षतमाता / हरसिद्ध माता (Harshat Mata/ Harsiddh Mata) का प्राचीन और कलात्मक मन्दिर आभानेरी (Abhaneri) में हैं । आभानेरी ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व का स्थान है ,जो दौसा जिले में बॉदीकुई रेलवेस्टेशन से लगभग 6 कि.मी. पूर्व में अवस्थित है। यह छोटासा गाँव अत्यन्त सजीव और कलात्मक मूर्तियों के रूप में स्वर्णिम अतीत की वैभवशाली और … Read more आभानेरी की हर्षत माता इतिहास व दर्शन || Harshat mata temple Abhaneri Dausa

Mavaliyan- Seven Matrikas Temple of Amber

मावलियान जिन्हें संस्कृत में मातृका कहा जाता है। इसका अर्थ “माता” है। यह सात-आठ देवियों का समूह है जिन्हें सप्तमातृका अथवा अष्टमातृका (Eight Mothers) कहा जाता है। ये अष्टमातृकायें हैं- ब्रह्माणी, वैष्णवी, माहेश्वरी, इन्द्राणी, कौमारी, वाराही, चामुण्डा तथा नारसिंही।  दक्षिण भारत में सप्तमातृका (Seven Mothers) मानी जाती है तथा अन्य कई स्थानों में अष्टमातृका (Eight Mothers) पूजी जाती हैं। अष्टमातृका मानने वाले नारसिंही को भी मातृका … Read more Mavaliyan- Seven Matrikas Temple of Amber

Varahi Mata Temple, Amber

कौन है वाराही माता (Varahi Mata) ?वाराही माता भारतवर्ष में पूजित अष्टमातृका (Ashtmatrika) में से एक है। अष्टमातृका आठ देवियों का एक समूह है जिसे मावलियान भी कहते हैं। संसार में प्रत्येक वस्तु, पदार्थ, जीव आदि को क्रियाशील होने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ब्रह्माण्ड की धुरी शिव को भी क्रियाशील होने के लिए आदिशक्ति … Read more Varahi Mata Temple, Amber

रायसर की ‘बांकी माता’ | Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)

बांकीमाता का मन्दिर रायसर गाँव में स्थित है । जयपुर जिले में जमवारामगढ़ से आंधी जाने वाले मार्ग पर रायसर गाँव है जो पूर्व जयपुर रियासत में नाथावतों का जागीरी ठिकाना माना जाता है । यहाँ पर बांकीमाता या बांकमाता का प्राचीन स्थान है ।  रायसर में देवीतला नामक  स्थान पर ऊंची पहाड़ी पर मन्दिर … Read more रायसर की ‘बांकी माता’ | Banki Mata Temple, Raisar (Jaipur)

ये है चोरों से सावधान करने वाली “नकटी माता” Nakti Mata / Nakchi Mata Temple Jai Bhawanipura Jaipur

जयपुर से लगभग 22 कि.मी. पश्चिम में अजमेर रोड़ पर भांकरोटा से एक सड़क उत्तर दिशा में मुकुन्दपुरा को जाती है । इस सड़क पर निमेड़ा से लगभग 1 कि.मी. पर जयभवानीपुरा गाँव है जहाँ नकटीमाता का प्राचीन मन्दिर अवस्थित है।  देवी के इस मन्दिर में कोई शिलालेख नहीं मिला है जिससे इसके निर्माण की … Read more ये है चोरों से सावधान करने वाली “नकटी माता” Nakti Mata / Nakchi Mata Temple Jai Bhawanipura Jaipur

Kesari Mata / Bhirda Mata Temple Riyan Badi Nagaur

नागौर जिले में बड़ी रियां ग्राम में केसरी माता का मन्दिर है जिसे स्थानीय लोग भीरदा / बिरदा माता के नाम से पूजते हैं। यह मन्दिर ग्राम के किले में अवस्थित है। यह माता कालिका माता का स्वरूप है। माता की चार भुजाओं में शस्त्र है तथा माता की सवारी सिंह पर है। मन्दिर हजारों … Read more Kesari Mata / Bhirda Mata Temple Riyan Badi Nagaur

Pandukya / Pandukhya / Pandokha / Panduka / Kunti Mata Temple Merta Nagaur

पाण्डुक्या / पाण्डुका / पण्डोखा (Pandukya / Pandukhya / Pandokha / Panduka) माता का मन्दिर नागौर जिले में मेड़ता के पास पाण्डरोई गांव में स्थित है। यह मन्दिर मेड़ता सिटी से पश्चिम में 6 किमी. तथा मेड़ता रोड़ से पूर्व में 9 किमी. की दूरी पर है। माता का मन्दिर जंगल में प्राकृतिक वातावरण में अवस्थित है। Pandukha … Read more Pandukya / Pandukhya / Pandokha / Panduka / Kunti Mata Temple Merta Nagaur

श्री केलपूज माता देवी मंदिर किणसरिया

Kelpuj Mata Temple Kinsariya Nagaur : केलपूज माता मन्दिर नागौर जिले के किणसरिया ग्राम में है। यह कैवाय माता मन्दिर की पहाड़ी की तलहटी में स्थित है। किणसरिया गांव  तथा परबतसर के बीचोंबीच स्थित है। इसकी मकराना से दूरी 12 किमी. तथा परबतसर से दूरी 9 किमी. है। यह ललवाणी तथा खाबिया कुल की कुलदेवी … Read more श्री केलपूज माता देवी मंदिर किणसरिया

Kunjal Mata Temple – Deh (Nagaur)

कुन्जल माता का मन्दिर नागौर जिले में जायल तहसील के डेह ग्राम में अवस्थित है। यह नागौर से 21 किमी. दूर नागौर-लाडनू-सुजानगढ़ मार्ग पर स्थित है।माता के  बारे में यह कहा जाता है कि इस ग्राम जिसका प्राचीन नाम चांपावत नगरी था में माताजी संवत् 1089 में प्रकट हुई। देवी को ब्याहने दो बारातें आ गई … Read more Kunjal Mata Temple – Deh (Nagaur)

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